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Lokesh Pal
October 01, 2025 06:00
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फिल्मी सितारों से राजनेता बने विजय की एक झलक पाने के लिए एकत्र हुए महिलाओं और बच्चों सहित 41 लोगों की दुखद मौत ने फिल्मी सितारों और राजनेताओं की नायक-पूजा के बारे में बहस को फिर से जन्म दे दिया है।
जैसा कि बी.आर. अंबेडकर ने चेतावनी दी थी, राजनीति में नायक-पूजा लोकतंत्र को कमजोर कर सकती है। करूर त्रासदी इस बात का उदाहरण है कि कैसे अत्यधिक पंथवादी राजनीति जवाबदेही और नागरिक कल्याण को खतरे में डाल सकती है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:प्रश्न: डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने आगाह किया था कि धर्म में भक्ति मोक्ष का मार्ग हो सकती है, लेकिन राजनीति में यह ‘पतन और अंततः तानाशाही का निश्चित मार्ग’ है। इस कथन के आलोक में, भारतीय राजनीति में व्यक्ति-पूजा के उदय और लोकतांत्रिक जवाबदेही एवं संवैधानिक नैतिकता पर उनके प्रभावों का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) |
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