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Samsul Ansari January 04, 2024 11:47 178 0
संदर्भ:
प्रारंभिक परीक्षा की प्रासंगिकता: हिट-एंड-रन मामलों के लिए भारतीय न्याय संहिता के तहत नए कानून के प्रावधान।
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: हिट-एंड-रन मामलों के लिए भारतीय न्याय संहिता के तहत नया कानून-आवश्यकता, चुनौतियाँ तथा आगे की राह।
भारत में हिट-एंड-रन मामलों का डेटा (2022):
नये कानून की आवश्यकता:
नये हिट-एंड-रन कानून के विरोध का कारण:
वापसी की मांग:
आगे की राह:
हिट-एंड-रन मामलों के लिए नए प्रावधानों के साथ पुराने प्रावधानों की तुलना:
विशेषता | पुराने प्रावधान (आईपीसी) | नये प्रावधान (भारतीय न्याय संहिता) |
समर्पित खण्ड | धारा 304ए के अंतर्गत कोई विशिष्ट खंड शामिल नहीं है | विशिष्ट खंड: धारा 106(2) |
अधिकतम जेल अवधि (मृत्यु के कारण) | 2 साल | 10 वर्ष |
अधिकतम जेल अवधि | 2 साल | 7 साल |
जुर्माना (मृत्यु के कारण) | ₹2,000 तक | ₹7 लाख तक |
फाइन | ₹2,000 तक | ₹5 लाख तक |
दुर्घटना स्थल छोड़ना | धारा 304ए के लिए दंड में स्पष्ट रूप से शामिल नहीं है | घटनास्थल से भागने पर अलग-अलग दंड: 10 साल तक की कैद और 7 लाख रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान |
वाहन जब्ती | उल्लेख नहीं है | वाहन जब्ती या जब्ती संभव |
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