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Lokesh Pal
October 16, 2025 05:30
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हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में दीपावली की आतिशबाजी पर लगे प्रतिबंध में कमी की, जिसमें राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI) और पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) द्वारा अनुमोदित ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति दी गई, जिससे उत्सव और पर्यावरणीय सुरक्षा के मध्य संतुलन बना रहे।
वास्तव में हरित दिवाली वर्ष पर्यंत स्वच्छ वायु से आरंभ होती है, न कि मौसमी प्रतिबंधों से। भारत को प्रतीकात्मक प्रतिबंधों से प्रणालीगत सुधारों की ओर बढ़ना चाहिए, पराली जलाने, वाहनों और औद्योगिक उत्सर्जन पर अंकुश लगाना चाहिए, जिससे त्योहारों के साथ एक सतत परिदृश्य और उत्सव को सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नप्रश्न: भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण को प्रायः दिवाली जैसे त्योहारों के आस-पास दिखने वाली अल्पकालिक समस्या के रूप में माना जाता है। समझाइए कि यह दृष्टिकोण अप्रभावी क्यों है और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए दीर्घकालिक कदम सुझाइए। (10 अंक, 150 शब्द)) |
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