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सिविल सेवा क्षेत्र में विशेषज्ञता की आवश्यकता कितना तर्कसंगत

Lokesh Pal November 25, 2024 05:15 12 0

संदर्भ :

भारत सरकार ने सिविल सेवा में कौशल व विशेषज्ञता की आवश्यकता को समझते हुए डोमेन विशेषज्ञों की भर्ती के लिए लेटरल एंट्री योजना की शुरुआत की। हालांकि, आरक्षण अधिकारों पर इसके प्रभाव को लेकर चिंताओं के कारण राजनीतिक विरोध शुरू हो गया है और योजना को तत्काल प्रभाव से ख़ारिज कर दिया गया।

लेटरल एंट्री (Lateral Entry):

  • नौकरशाही में पार्श्व प्रवेश या लेटरल एंट्री एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें मध्य और वरिष्ठ स्तर के पदों को भरने के लिए पारंपरिक सरकारी सेवा संवर्ग के इतर से व्यक्तियों की भर्ती की जाती है।

डोमेन विशेषज्ञता को एकीकृत करने की आवश्यकता

सिविल सेवा के लिए विशेष कौशल को लंबे समय से महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग (2005) ने विशेष ज्ञान और कौशल सुनिश्चित करने के लिए पार्श्व प्रवेश अर्थात लेटरल एंट्री की सिफारिश की, हालांकि इसने भर्ती पद्धति को निर्दिष्ट नहीं किया।

  • शासन में बढ़ती जटिलता: जैसे-जैसे जीवन में दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में अधिक विशिष्टता आती जा रही है, सिविल सेवकों, जो मुख्य रूप से सामान्यवादी होते हैं, को भी तकनीकी पेशेवरों के साथ प्रभावी ढंग से सहयोग करने के लिए अतिरिक्त कौशल और विशेषज्ञता की आवश्यकता महसूस हो रही है।
  • मध्य-करियर प्रशिक्षण की सीमाएँ:  हालांकि मध्य-करियर प्रशिक्षण लाभदायक है, परंतु यह सिविल सेवा के भीतर दीर्घकालिक, प्रणालीगत डोमेन विशेषज्ञता का पर्याप्त रूप से निर्माण नहीं करता है।

लेटरल एंट्री से जुड़ी चुनौतियाँ

  • कमज़ोर समुदायों के प्रतिनिधित्व से समझौता
    • आरक्षण प्रणाली के बावजूद, हाशिए पर पड़े समुदायों (एससी, एसटी और ओबीसी) का उच्च सिविल सेवा पदों पर प्रतिनिधित्व कम है।
      • वर्तमान में, शीर्ष नौकरशाही भूमिकाओं (जैसे, उप सचिव, निदेशक, संयुक्त सचिव) में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की हिस्सेदारी क्रमशः 4% और 4.9% है।
      • कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की तुलना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए प्रवेश की उच्च आयु इसका एक कारण हो सकती है, क्योंकि इनमें से कई अधिकारी वरिष्ठ पदों पर पहुँचने से पहले ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं।
    • अतः पार्श्व प्रवेश योजना से सिविल सेवा में हाशिए के समुदायों का प्रतिनिधित्व और भी सीमित हो जाने की संभावना है।

डोमेन विशेषज्ञता हेतु एकीकृत मॉडल की आवश्यकता 

भारत में सिविल सेवा के भीतर डोमेन विशेषज्ञता को प्रभावी ढंग से विकसित करने के लिए, पार्श्व प्रवेश जैसे विकल्पों के स्थायी विकल्प के रूप में एक एकीकृत मॉडल को अपनाया जा सकता है।

मॉडल के प्रमुख घटक

1. रणनीतिक योजना (Strategic Planning)

  • दीर्घकालिक दृष्टि: प्रत्येक क्षेत्र की आवश्यकताओं का आकलन करना।
    • उदाहरण के लिए, किसी विशेष मंत्रालय को तकनीकी विशेषज्ञों की आवश्यकता हो सकती है; तदनुसार, अधिकारियों की मैपिंग की जानी चाहिए।
    • क्षेत्र-विशिष्ट डोमेन विशेषज्ञता आवश्यकताओं की पहचान करने के लिए एक रणनीतिक योजना तैयार की जानी चाहिए।
  • सतत फीडबैक तंत्र: विकासशील आवश्यकताओं के प्रति लचीलापन और प्रतिक्रियाशीलता सुनिश्चित करने के लिए योजना में निरंतर फीडबैक और अनुकूलन को शामिल करना ।

2. संस्थानों और शिक्षाविदों के साथ समझौता ज्ञापन

  • शिक्षाविदों के साथ सहयोग: शैक्षणिक संस्थान सार्वजनिक क्षेत्र में आवश्यक उभरते रुझानों और तकनीकी कौशल की पहचान कर सकते हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सिविल सेवक समयानुसार उन्नत व नवीनतम ज्ञान से अपडेट रहें।
  • शीर्ष संस्थानों के साथ सहयोग: सिविल सेवकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने के लिए आईआईटी, आईआईएम और केंद्रीय विश्वविद्यालयों जैसे अग्रणी संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन व अनुबंध किए जाने चाहिए।
  • अनुकूलित पाठ्यक्रम: इन कार्यक्रमों में व्यावहारिक कौशल पर जोर देते हुए अकादमिक ज्ञान और उद्योग विशेषज्ञता को शामिल किया जाना चाहिए।
  • लक्षित विकास: मंत्रालयों को अगले कुछ वर्षों में प्रत्येक मंत्रालय में 4-5 डोमेन विशेषज्ञ विकसित करने का लक्ष्य रखना चाहिए, ताकि विशेष ज्ञान का निरंतर संचार सुनिश्चित हो सके।

3. कठोर चयन प्रक्रिया

  • चयन मानदंड: सिविल सेवकों को डोमेन विशेषज्ञता कार्यक्रमों के लिए उनकी उपयुक्तता निर्धारित करने के लिए उद्देश्य कथन (SoP), साक्षात्कार और मूल्यांकन सहित एक कठोर चयन प्रक्रिया से गुजरना चाहिए। 
  • चयन में समावेशिता: डोमेन विशेषज्ञता कार्यक्रमों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना, आरक्षण आवश्यकताओं के साथ कौशल विकास की आवश्यकता को संतुलित करना ।

4. निश्चित कार्यकाल के साथ विशेष पोस्टिंग

  • क्षेत्र-विशिष्ट पोस्टिंग: डोमेन विशेषज्ञों को उनके कौशल के आधार पर विशेष भूमिकाएँ सौंपी जानी चाहिए जहाँ उनकी विशेषज्ञता का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है। अतः अनावश्यक असंबंधित क्षेत्रों में स्थानांतरण नहीं किया जाना चाहिए।
  • निश्चित कार्यकाल: विशेषज्ञों के पास अपने संबंधित क्षेत्रों में निश्चित कार्यकाल होना चाहिए, जिससे वे प्रभावी रूप से योगदान दे सकें और अपने डोमेन के भीतर वरिष्ठ भूमिकाओं में प्रगति सुनिश्चित कर सकें।

एकीकृत मॉडल के संभावित लाभ

  • नीति कार्यान्वयन में वृद्धि:  डोमेन विशेषज्ञों के एकीकरण से शासन में अत्यधिक सुधार सुनिश्चित होगा साथ ही नीतियों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा और  उभरती चुनौतियों का समाधान करने और उन्नत प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा ।
  • अक्षमताओं की पहचान: यह मॉडल कम प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की पहचान करने में मदद करेगा, जिनमें प्रतिबद्धता या प्रेरणा का अभाव होता है। जिससे सरकारी क्षेत्र में लंबे करियर में अक्सर होने वाले “मृत लकड़ी” (“deadwood”) प्रभाव से बचा जा सकेगा और इस प्रकार मानव संसाधनों का बेहतर आवंटन संभव हो सकेगा।
  • सार्वजनिक सेवा वितरण में वृद्धि: विशेषज्ञ विनियमन, सुविधा और सेवा वितरण में सुधार कर पाएंगे, क्षेत्र-विशिष्ट मुद्दों को अधिक सटीकता और दक्षता के साथ संबोधित कर पाएंगे ।
  • पुनर्जीवित सिविल सेवक: विशेष प्रशिक्षण और लक्षित फोकस क्षेत्र एकरसता को कम करेंगे, सिविल सेवकों को पुनर्जीवित करेंगे और करियर में ठहराव को रोकने में भी सहायक होंगे ।

निष्कर्ष :

डोमेन विशेषज्ञता के लिए एकीकृत मॉडल के माध्यम से भारत में सिविल सेवा में परिवर्तन करना, शासन को मजबूत करना और एक लचीली और उत्तरदायी सिविल सेवा विकसित करना  सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार करने के लिए आवश्यक है।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न 

प्रश्न: सिविल सेवाओं में डोमेन विशेषज्ञों की आवश्यकता पर लंबे समय से बहस चल रही है। आरक्षण संबंधी चिंताओं के कारण लैटरल एंट्री को विरोध का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन शिक्षा, उद्योग और सिविल सेवाओं को मिलाकर एक एकीकृत मॉडल प्रस्तावित किया गया है। प्रशासनिक सुधारों के लिए इस दृष्टिकोण की चुनौतियों और अवसरों का आलोचनात्मक विश्लेषण करें। 

(15 अंक, 250 शब्द)

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