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Lokesh Pal
April 16, 2025 05:00
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हाल के अध्ययनों से यह पता चला है कि पराली जलाने से निकलने वाले प्रदूषित कण दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को काफी प्रभावित करते हैं।
अध्ययन व्यक्तिगत दोष से हटकर दोषपूर्ण विपणन संरचनाओं और नव-उदारवादी शासन में निहित एक प्रणालीगत मुद्दे की ओर चर्चा को स्थानांतरित करता है। पराली जलाना लापरवाही नहीं है, बल्कि नीतिगत विफलता और आर्थिक हाशिए पर धकेले जाने से उत्पन्न अस्तित्व की एक रणनीति है।
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