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हुनर ​​से रोजगार योजना

Lokesh Pal May 29, 2024 05:15 241 0

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: हुनर ​​से रोजगार योजना के बारे में।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत की पर्यटन क्षमता का दोहन करने में हुनर ​​से रोजगार योजना का महत्त्व।

संदर्भ: 

  • पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2006 से ‘हुनर से रोजगार’ नामक एक अपेक्षाकृत कम चर्चित योजना का क्रियान्वयन कर रहा है, जिसका अर्थ है कौशल से रोजगार।
  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की पहचान करना और उन्हें रोजगार या स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित करना है।

हुनर से रोजगार योजना:

  • बजट: यह योजना लगभग 30 करोड़ रुपये के न्यूनतम बजट आवंटन पर चलाई जा रही है।
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम: इसकी परिकल्पना 18-28 वर्ष तक की आयु वर्ग के लोगों के लिए छह से आठ सप्ताह के निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम के रूप में की गई थी, जिसके लिए प्रमुख विशेषज्ञ संस्थानों का चयन किया गया था।
  • प्रशिक्षण: बेहतर स्टार रेंकिंग प्राप्त होटलों से न्यूनतम संख्या में व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने की अपेक्षा की जाती है।
  • उद्देश्य: यद्यपि असंगठित क्षेत्र को आवश्यक कौशल प्रदान करके मुख्यधारा के रोजगार में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है, फिर भी युवाओं के रोजगार में बड़ा अंतर मौजूद है।
    • वर्तमान में यह योजना मुख्य रूप से उत्तरी राज्यों के बेरोजगारों को आकर्षित कर रही है।

योजना का SWOT विश्लेषण:

  • शक्तियाँ :
    • इस योजना की शक्ति इसका आकर्षक नामकरण और इस योजना का सार और सिद्धांत है।
    • योजना का यह नाम  रोजगार सृजन हेतु रुचि पैदा करता है।
  • कमियाँ :
    • यह योजना नौकरशाही में विलंब और सरकारी तथा निजी संस्थाओं द्वारा अपनाई गई टालमटोल की रणनीति से ग्रस्त है।
    • इस पर हितधारकों द्वारा विचार किए जाने की आवश्यकता है तथा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रक्रियाएँ ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुव्यवस्थित हों।
    • इसके अलावा, उचित प्रचार और जागरूकता कार्यक्रमों के रूप में सूचना, शिक्षा एवं संचार (IEC) गतिविधियों को बढ़ाने की आवश्यकता है।
    • आईईसी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए भारतीय भाषा मीडिया का व्यापक रूप से उपयोग किया जाना चाहिए।
    • विभिन्न जाँच संबंधी पहलुओं को देखते हुए, कई संस्थान इसमें रुचि नहीं दिखाते हैं, क्योंकि दिशा-निर्देश इस प्रकार बनाए गए हैं कि योजना का क्रियान्वयन केवल सरकारी संस्थानों जैसे पर्यटन प्रबंधन संस्थानों, होटल प्रबंधन संस्थानों और अन्य समान संस्थानों में ही संभव है।
    • इसके अलावा, हाल ही में योजना के दिशा-निर्देशों को संशोधित किया गया है, जिसके तहत प्रशिक्षण के कार्यान्वयन के बाद ही भुगतान की अनुमति दी गई है।
    • इसके अतिरिक्त, भुगतान तंत्र दो चरणों में है अर्थात प्रशिक्षण पूरा होने और पूर्णता प्रमाणपत्र के वितरण पर 80 प्रतिशत का भुगतान किया जाता है और शेष 20 प्रतिशत का भुगतान क्षमता निर्माण प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को रोजगार/स्वरोजगार प्रदान करने पर किया जाता है।
    • जबकि पहले ऐसा प्रावधान नहीं था, पहले भुगतान का तरीका 40:40:20 था।
  • अवसर:
    • हुनर से रोजगार एक पथप्रदर्शक योजना है।
    • यह कम शिक्षित युवाओं को थोड़े प्रशिक्षण के बाद औपचारिक रोजगार क्षेत्र में जाने में सक्षम बनाती है।
    • अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा भंडार में पर्यटन के अत्यधिक महत्त्व को देखते हुए, सांस्कृतिक विरासत और भारत के गौरव को बढ़ावा देने के अवसर के अलावा, यह क्षेत्र ऐसी योजनाओं के लिए काफी उपयोगी है।
    • इससे सरकार को अधिक कर राजस्व अर्जित करने में भी मदद मिल सकती है।
    • हितधारकों को पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगदान देने और उन्हें प्रेरित करने के लिए एक तंत्र भी तैयार किया जाना चाहिए।
    • ओलंपिक 2036 और युवा ओलंपिक 2029 के लिए भारत द्वारा की गई शर्तें हमें समय पर आवश्यक स्केल-अप प्रक्रियाएँ करने में मदद कर सकती हैं।
  • खतरा: 
    • पर्यटन क्षेत्र बाहरी समस्याओं से ग्रस्त है, महामारी के दौरान पर्यटन में गिरावट दर्ज की गई है। 
    • इसी तरह, यूक्रेन-रूस युद्ध और इज़राइल-फिलिस्तीन युद्ध ने इन क्षेत्रों में पर्यटन क्षेत्र को प्रभावित किया है। 
    • इसके अलावा, पर्यटन स्थलों की सुरक्षा और संरक्षा पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाती है। 
    • पर्यटन स्थलों का समग्र विकास आवश्यक है।
    • इन गंतव्यों में परिवहन संपर्क पर पूँजीगत व्यय आमतौर पर अच्छा रहता है, बशर्ते बाढ़, सुनामी आदि जैसी प्राकृतिक आपदाएँ न हों।
    • पर्यटन स्थलों पर बेहतर जीवन स्तर का अभाव उन लोगों को विचलित कर सकता है जो व्यस्त शहरी जीवन से दूर बेहतर कार्य-जीवन संतुलन के लिए ऐसे स्थलों पर जाना चाहते हैं।

आगे की राह :

  • जागरूकता सृजन: सरकार को इस योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि अधिक एजेंसियाँ ​​इसे समग्र रूप से कार्यान्वित करने में सहायता के लिए आगे आ सकें।
  • व्यय में वृद्धि: इस योजना पर किए जाने वाले समग्र व्यय में वृद्धि की जानी चाहिए।
  • बुनियादी ढाँचे का विकास: राज्य सरकारों और अन्य सार्वजनिक/निजी संस्थानों की मदद से पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार किया जाना चाहिए, जिसमें गति शक्ति के माध्यम से बुनियादी ढाँचे की कनेक्टिविटी में वृद्धि, बुलेट ट्रेनों की शुरूआत और हवाई संपर्क में वृद्धि इत्यादि शामिल हो सकते हैं।

निष्कर्ष:

अंततः भारत के समृद्ध इतिहास, संस्कृति, प्राकृतिक सुंदरता और विविध आकर्षणों को देखते हुए, 2047 तक वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर्यटक स्थल या गंतव्य बनने की संभावना है। अतः 2047 तक भारत को शीर्ष पर्यटन स्थल बनाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता है।

प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न :                                                                         

प्रश्न . “हुनर ​​से रोजगार योजना” के संदर्भ में ,निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :

  1. इस योजना का क्रियान्वयन पर्यटन मंत्रालय द्वारा किया जाता है ,लेकिन वित्त पोषण वित्त मंत्रालय द्वारा किया जाता है |
  2. इसके अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए प्रशिक्षुओं की आयु 18-28 वर्ष के बीच निर्धारित की गयी है और प्रशिक्षुओं को निः शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है।

नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b)

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न:

विषय GS-03: बुनियादी ढाँचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे आदि।

प्रश्न: भारत में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने में बुनियादी ढाँचे के विकास की भूमिका का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। यह विकास ‘हुनर से रोज़गार’ जैसी योजनाओं का पूरक कैसे हो सकता है ? टिपण्णी कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)