100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

उद्योग जगत के व्यावसायिक दृष्टिकोण से प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा के निहितार्थ

Lokesh Pal February 22, 2025 05:00 55 0

संदर्भ:

हाल ही में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिका की आधिकारिक यात्रा सम्पन्न की गई। इस यात्रा द्वारा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया, जिससे दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी की पुष्टि हुई।

भारत-अमेरिका संबंध:

  • द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA): इसका उद्देश्य व्यापार बाधाओं को कम करना और विनियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है। यह अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश करने और भारतीय फर्मों को अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • व्यापार लक्ष्य: दोनों देशों के प्रमुखों की आम सहमति से व्यापार को 2030 तक $500 बिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो कि एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है लेकिन क्षेत्रीय उप-लक्ष्यों के साथ प्राप्त करने योग्य बताया जा रहा है। अतः  लक्ष्य प्राप्ति हेतु व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सीमा-पार आसान प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
  • निर्यात के महत्त्वपूर्ण फोकस क्षेत्र :
    • अमेरिका से भारत: औद्योगिक सामान, प्रौद्योगिकी और कृषि उत्पाद।
    • भारत से अमेरिका: कपड़ा, परिधान, आईटी और फार्मा जैसी श्रम-गहन वस्तुएँ।
    • यू.एस. में भारतीय फर्मों सहित ग्रीनफील्ड निवेश को प्रोत्साहित किया गया।
  • आर्थिक प्रभाव: भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने अपनी 2020 की रिपोर्ट में इस लक्ष्य का समर्थन किया। इसके साथ ही “मिशन 500” से लाभान्वित होने वाले आईटी, फार्मा और टेक्सटाइल जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया।
  • द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लाभ: यह भारतीय निर्यात के लिए अमेरिकी बाजार तक पहुँच को बढ़ाता है। भारत में अधिक अमेरिकी निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है।
  • रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी: रणनीतिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके संबंधों को बदलना (ट्रस्ट) रक्षा, एआई, अर्धचालक, क्वांटम कंप्यूटिंग, जैव प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और अंतरिक्ष में सहयोग को मजबूत करता है।
    • अतः यह साझेदारी पहल सरकारों और शिक्षा जगत के साथ निजी क्षेत्र के सहयोग को प्रोत्साहित करती है। इंडस इनोवेशन पहल अत्याधुनिक क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास को गति प्रदान करेगी।
  • डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास : साझेदारी से संबंधित महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में, डेटा सेंटर, कंप्यूटिंग पावर और एआई मॉडल को बढ़ावा देने के लिए एआई इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारत-अमेरिका रोडमैप तैयार करना है। इसके अतिरिक्त फिनटेक, हेल्थटेक, एग्रीटेक में भारतीय एआई स्टार्टअप के लिए फंडिंग का विस्तार करना, जिससे ग्लोबल साउथ को फायदा होगा।
  • रक्षा सहयोग 10 वर्षीय यू.एस. और भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी ढांचा द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक नए युग का प्रतीक है। इसके अंतर्गत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त उत्पादन और औद्योगिक सहयोग के लिए समझौते प्रमुख हैं ।
    • ऑफसेट क्लॉज से स्वदेशी विनिर्माण, कौशल विकास और आर्थिक विकास को लाभ हो सकता है।
  • ऊर्जा सहयोग: भारत हाइड्रोकार्बन उत्पादन के लिए अमेरिकी सहायता के साथ ऊर्जा स्रोतों में विविधता ला रहा है। भारत के शुद्ध-शून्य लक्ष्यों के अनुरूप छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) पर सहयोग से व्यापारिक दृष्टिकोण को अधिक लाभ होगा
    • हालांकि अमेरिका एक स्थिर ऊर्जा आपूर्तिकर्ता के रूप में काम कर सकता है, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।
  • बुनियादी ढांचे का विस्तार: भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) संयुक्त रेलवे, सड़क मार्ग, स्मार्ट सिटी और औद्योगिक क्षेत्र परियोजनाओं में तेजी सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही यह डिजिटल अर्थव्यवस्था और सेवाओं के निर्यात को बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका को जोड़ने वाली अंडरसी केबल लाइनों का सुगम संचालन सुनिश्चित करेगा ।
  • उच्च शिक्षा: अमेरिकी संस्थान भारत में अपने परिसर स्थापित करेंगे, जिससे भारतीय छात्रों के लिए पहुँच बढ़ेगी। छात्र और पेशेवर आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए सुव्यवस्थित कानूनी गतिशीलता में तेजी आएगी।
  • औद्योगिक सहयोग: नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय उद्योग दोनों सरकारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देंगे । व्यवसाय समर्थक नीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कार्यान्वयन में उद्योग की प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने में सहायक होंगे।
    • भारत को एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए वैश्विक साझेदारी को मजबूत करना आवश्यक है।

निष्कर्ष :

यद्यपि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा महत्त्वपूर्ण कूटनीति से परे एक रणनीतिक वैश्विक साझेदारी के माध्यम से भारत की आर्थिक और तकनीकी प्रगति को आकार देने में सहायक होगी।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न: भारत-अमेरिका आर्थिक साझेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिसमें व्यापार, प्रौद्योगिकी और रक्षा सहयोग पर जोर दिया गया है। प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के भारत के आर्थिक विकास और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एकीकरण पर पड़ने वाले प्रभाव का आलोचनात्मक विश्लेषण करें। 

(15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.