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Lokesh Pal
July 15, 2025 05:15
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तेजी से विखंडित हो रही वैश्विक व्यवस्था में, भारत और यूरोप – दोनों महत्वाकांक्षी मध्यम शक्तियां – एक बहुध्रुवीय, नियम-आधारित और समतापूर्ण विश्व को आकार देने के लिए अपनी साझेदारी को मजबूत कर रहे हैं।
आने वाला दशक उद्देश्य की भावना की माँग करता है। भारत और यूरोप, जो लंबे समय से एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं, को अब कदम से कदम मिलाकर चलना होगा। उनके साझा मूल्य और रणनीतिक बाध्यताएँ एक ऐसी साझेदारी का निर्माण करती हैं जो सुविधा की नहीं, बल्कि गहरे विश्वास की है, जो सभी के लिए एक अधिक स्थिर, समावेशी और समतापूर्ण विश्व का वादा करती है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:प्रश्न: बदलती वैश्विक व्यवस्था और बढ़ते भू-राजनीतिक मतभेदों के संदर्भ में भारत-यूरोप संबंधों की विकासशील प्रकृति पर चर्चा कीजिए। परीक्षण कीजिए कि गहन सहयोग किस प्रकार वैश्विक अनिश्चितताओं से निपटने और एक स्थिर, समावेशी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है। (15 अंक, 250 शब्द) |
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