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Lokesh Pal
March 05, 2025 05:00
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“कहा जाता है, कि कोई भी वृक्ष तब तक स्वर्ग तक नहीं पहुँच सकता जब तक उसकी जड़ें नरक तक न पहुँच जाएँ” – सी.जी. जुंग
हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में आयकर विधेयक, 2025 प्रस्तुत किया। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो यह आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा।
पूर्ण परिवर्तन की बजाय आयकर अधिनियम, 1961 में लक्षित संशोधन अधिक प्रभावी हो सकता है। कर संहिता को सरल बनाने में विधेयक की विफलता तथा तलाशी और जब्ती पर इसके सत्तावादी प्रावधानों के कारण संसदीय चयन समिति द्वारा इस पर गंभीरता से पुनर्विचार करना आवश्यक है।
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