100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

टीवी पत्रकारों की जगह लेते यूट्यूब पर स्वतंत्र पत्रकार

Lokesh Pal May 10, 2024 05:30 140 0

प्रारम्भिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: अभिव्यक्ति की आजादी से संबंधित संवैधानिक प्रावधान, साइबर सुरक्षा से संबंधित प्रावधान। 

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 तथा  मुख्यधारा की पत्रकारिता से जुड़ी चुनौतियाँ

संदर्भ:

  • 2023 में, ग्लोबल फैक्ट 10 के शोध रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिक से अधिक भारतीय अब समाचारों के लिए यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसे मीडिया मंचों पर भरोसा कर रहे हैं।

मुख्यधारा मीडिया की तुलना में यूट्यूब को प्राथमिकता देने के कारण:

  • पक्षपातपूर्ण समाचार स्रोतों पर अविश्वास: जो लोग पक्षपाती समाचार चैनलों या विशिष्ट समाचार पत्रों में रुचि रखते हैं, वे जानते हैं कि प्रस्तुत की गई जानकारी में विश्वसनीयता की कमी है और उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
    • यहाँ तक ​​कि सत्तारूढ़ सरकार के समर्थक भी टीवी चैनलों,  समाचार पत्रों आदि में प्रभावी सूचना या आलोचनात्मक जाँच की कमी को स्वीकार करते हैं।
  • समाचार स्रोतों पर सरकारी नियंत्रण: ऐसा आरोप लगाया जाता रहा है कि समाचार प्रसारित करने वाले कई स्रोतों को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।
  • पत्रकारिता की गुणवत्ता के साथ चुनौतियाँ: हालाँकि भारत में अनेक पारदर्शी और प्रतिष्ठित पत्रकारों की मौजूदगी है, लेकिन उनकी तुलना में गुणवत्ता की कमी वाले पत्रकारों की व्यापकता अधिक है।
    • व्यक्ति पारदर्शी सूचना की आवश्यकता के कारण कहीं और समाचार और विश्लेषण की तलाश करते हैं, क्योंकि विश्वसनीय जानकारी तक पहुँच के बिना कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ सकता है। 
    • इसलिए, यूट्यूब जैसे प्लेटफ़ॉर्म एक लोकप्रिय विकल्प बनते जा रहे हैं।
  • आवश्यक जानकारी में गिरावट: टीवी मीडिया इस हद तक लचीला हो गया है कि महत्त्वपूर्ण जानकारियों की तलाश करने वाले लोग निराश हो रहे हैं।
  • मीडिया अवैधीकरण (Media Delegitimization): मीडिया को लगातार अवैधीकरण का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी शुरुआत सत्ता के शीर्ष स्थानों से हुई है: सरकार मीडिया के साथ ‘समाचार व्यापारी’ के रूप में व्यवहार का रही है, और उनके मंत्री पत्रकारों को ‘प्रेस्टीट्यूट्स (Presstitutes)‘ के रूप में संदर्भित कर रहे  हैं। 
    • इस प्रकार के लगातार आरोप-प्रत्यारोपों  ने समाचार रिपोर्टिंग की विश्वसनीयता में जनता के विश्वास को कम कर दिया है।
    • इसलिए, स्वतंत्र पत्रकारों द्वारा जानकारी के विश्वसनीय स्रोतों की तलाश की गई और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों की ओर रुख किया गया।

सूचना परिदृश्य को आकार देने में यूट्यूब की भूमिका

  • सूचना स्रोत के रूप में यूट्यूब का उदय: यूट्यूब विशेष रूप से भारत में समाचार और सूचना तक पहुँचने के लिए एक महत्त्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है।
  • धुंधली या अस्पष्ट सीमाएँ: यूट्यूब के उल्लेखनीय पहलुओं में से ऐसे रचनाकारों की उपस्थिति है जो समाचार और विश्लेषण सहित विभिन्न शैलियों में सामग्री तैयार करते हैं।
    • पारंपरिक पत्रकारों के विपरीत, कई यूट्यूब निर्माता आवश्यक रूप से खुद को पत्रकार के रूप में नहीं बल्कि सामग्री निर्माता के रूप में पहचानते हैं।
    • जानकारियों का धुंधलापन या अस्पष्टीकरण  प्लेटफ़ॉर्म पर प्रदान की गई जानकारी की विश्वसनीयता और पारदर्शिता  पर सवाल उठाता है।
  • यूट्यूब सामग्री निर्माताओं का प्रभाव: यूट्यूब सामग्री निर्माता, जिन्हें प्रभावशाली व्यक्ति कहा जाता है, जनता की राय और चर्चा को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
    • ये प्रभावशाली लोग “व्याख्यान निर्धारित करने” के लिए मंच का लाभ उठाते हैं और राजनीति तथा सामाजिक मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर सार्वजनिक धारणा को प्रभावित करते हैं।
    • हालाँकि, उनका प्रभाव पक्षपातपूर्ण या भ्रामक जानकारी के प्रसार के बारे में चिंता पैदा करता है।

यूट्यूब की चुनौतियाँ और सीमाएँ:

  • संस्थागत समर्थन की कमी: संस्थागत समर्थन और संपादकीय निरीक्षण की अनुपस्थिति पत्रकारिता मानकों को बनाए रखने और तथ्य-जाँच के लिए चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है।
  • गलत सूचना का खतरा: इसके अलावा, यूट्यूब पर गलत सूचना और सनसनीखेज का प्रसार समाचार के विश्वसनीय स्रोत के रूप में इसकी क्षमता को कमजोर करता है।

आगे की राह:

  • सरकारी विनियमन: भारत सरकार का प्रस्तावित प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023, यूट्यूब सहित डिजिटल समाचार प्लेटफार्मों को विनियमित करने का प्रयास करता है।
    • इस पहल ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों की स्वायत्तता पर प्रभाव के बारे में बहस छेड़ दी है।
    • आलोचकों का तर्क है कि सरकारी हस्तक्षेप स्वतंत्र पत्रकारिता को दबा सकता है और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर आवाज़ों की विविधता को सीमित कर सकता है।
  • गलत सूचना: यूट्यूब पर गलत सूचना और दुष्प्रचार के प्रसार के मध्य, उत्तरदायी पत्रकारिता के महत्त्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
    • पत्रकारों और मीडिया संगठनों को नैतिक मानकों को बनाए रखना चाहिए और अपनी रिपोर्टिंग में तथ्यात्मक सटीकता को प्राथमिकता देनी चाहिए।
    • इसके अतिरिक्त, गलत सूचना से निपटने के प्रयासों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म, मीडिया नियामकों और नागरिक समाज के मध्य सहयोग की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

अर्थात जबकि यूट्यूब विविध आवाजों और वैकल्पिक आख्यानों के लिए एक मंच प्रदान करता है, यह जानकारी की विश्वसनीयता और पारदर्शिता के बारे में चिंताएँ भी पैदा करता है। जैसे-जैसे डिजिटल मीडिया का विकास हो रहा है, ऐसे डिजिटल युग में सूचना की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पत्रकारिता के मूल्यों और मानकों को बनाए रखना अनिवार्य हो गया है।

प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न :                                                                             (UPSC : 2017)              

प्रश्न. भारत में निम्नलिखित में से किसके लिये साइबर सुरक्षा घटनाओं पर रिपोर्ट करना कानूनी रूप से अनिवार्य है? 

  1. सेवा प्रदाताओं  
  2. डेटा केंद्र  
  3. कॉर्पोरेट निकाय

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 2
  3. केवल 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर:(d)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.