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Lokesh Pal
August 15, 2024 05:30
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आज, भारत वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच लोकतांत्रिक आशा के अंतिम स्तम्भों में से एक है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: लोकतंत्र, उदार लोकतंत्र, कानून का शासन, दांडी मार्च, आदि।
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: एक लोकतांत्रिक उदाहरण के रूप में भारत की भूमिका, भारत के लोकतांत्रिक ढांचे से जुड़ी चुनौतियाँ आदि। |
हालांकि भारत की लोकतांत्रिक यात्रा, अनेक उपलब्धियों व सफलताओं के बावजूद भी अधूरी है अतः इसके मूल उद्देश्य व आदर्श को स्थापित करने के लिए, पारदर्शिता, समावेशिता और मुद्दा-आधारित राजनीति को मजबूत करना वैश्विक लोकतांत्रिक शक्ति के रूप में भारत के निरंतर उदय के लिए महत्वपूर्ण है।
मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न:प्रश्न: वैश्विक दक्षिण में एक लोकतांत्रिक उदाहरण के रूप में भारत की भूमिका का मूल्यांकन करें। प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा करें और इसके लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करने के उपाय सुझाएँ। (15 अंक, 250 शब्द) |
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