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Lokesh Pal December 26, 2024 05:45 11 0
भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत यात्रा वर्ष 1981 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है, जो भारत की खाड़ी कूटनीति में एक मील का पत्थर साबित हुई है । इससे पहले कुवैत के प्रधानमंत्री ने लगभग 12 वर्ष पूर्व भारत की यात्रा की थी। कुवैत, GCC (खाड़ी सहयोग परिषद) का एक प्रमुख सदस्य, मजबूत व्यापारिक संबंधों और एक बड़े भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ एक महत्त्वपूर्ण भागीदार है।
सद्दाम हुसैन के कुवैत पर आक्रमण के प्रति भारत की सतर्क प्रतिक्रिया ने इराक के साथ भारत के सुदृढ़ ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाया, किन्तु इसके परिणामस्वरूप कुवैत के साथ संबंध नकरात्मक गए। |
भारत की महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय पहलें भी विद्यमान अस्थिरता से प्रभावित हो सकती हैं, जो निम्नलिखित बिंदुओं से स्पष्ट है :
स्पष्ट है कि भारत और कुवैत के द्विपक्षीय संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग पर आधारित हैं। कुवैत भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख भागीदार है, जबकि भारत कुवैत के लिए एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक और श्रमिक स्रोत है। दोनों राष्ट्रों के मध्य व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बढ़ता सहयोग, इनके संबंधों को और मजबूत बनाता है। यह साझेदारी परस्पर लाभ और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में सहायक है।
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