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भारत-इंडोनेशिया वैश्विक संबंध : समग्र विश्लेषण

Lokesh Pal February 05, 2025 05:00 7 0

संदर्भ :

हाल ही में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि थे, जो किसी इंडोनेशियाई राजनेता की चौथी ऐसी यात्रा थी।

भारत-इंडोनेशिया संबंध

  • ऐतिहासिक महत्त्व : इंडोनेशिया के संस्थापक राजनेता “राष्ट्रपति सुकर्णो” वर्ष 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि थे। दीर्घकालिक संबंध लोकतंत्र, आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा के साझा मूल्यों को दर्शाते हैं।
  • रणनीतिक विकास : यह संबंध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों से आगे बढ़कर व्यापार, समुद्री सुरक्षा और प्रौद्योगिकी तक पहुँच गया है। दोनों राष्ट्र इंडो-पेसिफिक में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में क्षेत्रीय समृद्धि और सुरक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • व्यापार समझौते : 1966 में हस्ताक्षरित भारत-इंडोनेशिया व्यापार समझौते ने आर्थिक सहयोग की नींव रखी। हालाँकि, वर्तमान व्यापार संबंधों में विस्तार की व्यापक संभावना है।
  • प्रमुख क्षेत्र : इंडोनेशियाई चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और भारतीय व्यापार नेता अजय एस. श्रीराम की सह-अध्यक्षता में आयोजित भारत-इंडोनेशिया सीईओ फोरम ने आपसी विकास के लिए पाँच प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की, जो निम्नलिखित हैं –
    • ऊर्जा : ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा सहयोग।
    • खाद्य एवं कृषि : कृषि व्यापार और खाद्य सुरक्षा को बढ़ाना।
    • स्वास्थ्य देखभाल : फार्मास्यूटिकल और चिकित्सा सहयोग को मजबूत करना।
    • विनिर्माण : औद्योगिक और उत्पादन संबंधों को बढ़ावा देना।
    • प्रौद्योगिकी : डिजिटल परिवर्तन और एआई-संचालित समाधानों को आगे बढ़ाना।
  • आर्थिक साझेदारी : भारत और इंडोनेशिया के बीच वर्तमान द्विपक्षीय व्यापार लगभग $30 बिलियन का है, जिसे अगले 10 वर्षों में चार गुना बढ़ाने का लक्ष्य है। 
    • भारत और इंडोनेशिया का एक दूसरे के प्रति आर्थिक विश्वास उनके महत्त्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों और बढ़ते सहयोग में प्रतिबिंबित होता है।
    • भारत और इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था 2025 में क्रमशः 6.5% और 5.1% की दर से वृद्धि होने की संभावना है – जो वैश्विक औसत 3.3% से अधिक होगी
  • विकास चालक विस्तारित बाजार और युवा, गतिशील कार्यबल तथा बढ़ती उपभोक्ता माँग, जो सतत आर्थिक लचीलेपन में योगदान दे रहे हैं।
  • व्यापार के अवसर : बढ़ते व्यापार के बावजूद, संभावित निवेश की तुलना में वर्तमान निवेश मामूली है:
    • भारत में इंडोनेशियाई निवेश : $653.8 मिलियन।
    • इंडोनेशिया में भारतीय निवेश: $1.56 बिलियन।
    • स्वच्छ ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और विनिर्माण में निवेश बढ़ाने से आपूर्ति शृंखलाओं में वृद्धि हो सकती है तथा विकास के नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
  • समुद्री सुरक्षा : व्यापक रणनीतिक साझेदारी (2018) ने विशेष रूप से समुद्री सुरक्षा में रक्षात्मक सहयोग को बढ़ाया है।
  • आतंकवाद निरोध और साइबर सुरक्षा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने आतंकवाद निरोध और साइबर सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। साइबर खतरों, आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटना क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • भू-राजनीतिक महत्त्व : दो बड़े और सघन आबादी वाले देशों के रूप में भारत और इंडोनेशिया हिंद-प्रशांत के भू-राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए रणनीतिक सहयोग स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करता है ।
  • ब्रिक्स में प्रवेश : 2024 में इंडोनेशिया को औपचारिक रूप से ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया, जिससे वह भारत, चीन और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ जुड़ जाएगा। 
    • यह कदम वैश्विक आर्थिक प्रशासन में इंडोनेशिया की भूमिका को बढ़ाता है और ब्रिक्स के भीतर भारत-इंडोनेशिया सहयोग को मजबूत करता है 
  • संतुलनकारी गठबंधन : भारत और इंडोनेशिया दोनों ही अमेरिका और पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के साथ मजबूत संबंध बनाए हुए हैं, साथ ही ब्रिक्स और हिंद-प्रशांत ढाँचे में भी शामिल हैं। 
    • राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन के तहत विकसित हो रही अमेरिकी व्यापार नीति – जिसमें संभावित नए टैरिफ भी शामिल हैं, इंडोनेशिया के संसाधन निर्यात को प्रभावित कर सकती है । 
    • इंडोनेशिया, जो निकल, तांबा, टिन और बॉक्साइट का प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ता है, भारत, अमेरिका और यूरोप जैसे बाजारों तक अधिक पहुँच चाहता है ।
  • स्थायी साझेदारी : भारत और इंडोनेशिया के बीच 76 वर्ष पुराना कूटनीतिक संबंध है, जो व्यापार, सुरक्षा और भू-राजनीति में विस्तारित हुआ है। राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो की भारत यात्रा ने साझेदारी के बढ़ते रणनीतिक महत्त्व को और मजबूत किया

निष्कर्ष

स्पष्ट है कि भारत-इंडोनेशिया संबंध वैश्विक भू-राजनीति और व्यापार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। बहुपक्षीय सहयोग (ब्रिक्स, आसियान, इंडो-पैसिफिक) को मजबूत आर्थिक नीतियों के साथ संतुलित करके, दोनों राष्ट्र क्षेत्रीय और वैश्विक समृद्धि को आगे बढ़ा सकते हैं। 

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न 

भारत-इंडोनेशिया ऐतिहासिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए भारत के लिए इसके महत्त्व तथा दूरगामी परिणामों को स्पष्ट कीजिए | (15 अंक, 250 शब्द)

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