100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय और भू-राजनीतिक संबंध

Lokesh Pal March 12, 2025 05:15 8 0

संदर्भ:

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने मॉरीशस का दौरा किया और वे मॉरीशस के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे।

मुख्य बिंदु

  • प्रवासी: मॉरीशस और भारत अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय संबंधों के कारण एक अनोखा संबंध साझा करते हैं।
    • मॉरीशस की 1.3 मिलियन आबादी में से लगभग 70% लोग भारतीय मूल के हैं, जिससे जातीय और राजनीतिक संबंध मज़बूत हो रहे हैं।
  • सामरिक पहचान: घनिष्ठ ऐतिहासिक और जातीय संबंधों के बावजूद, मॉरीशस एक स्वतंत्र भू-राजनीतिक देश है जिसकी अपनी सामरिक प्राथमिकताएँ हैं। 
    • देश का औपनिवेशिक इतिहास, जिसमें पुर्तगाली, डच, फ्रांसीसी और ब्रिटिश शासन शामिल हैं, इसके जटिल राजनीतिक विकास को रेखांकित करता है।
  • कूटनीतिक प्रतिबद्धता: चागोस पर मॉरीशस की संप्रभुता के लिए भारत का समर्थन, द्वीप राष्ट्र के प्रति उसकी कूटनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करना: अगलेगा द्वीप पर रसद बुनियादी ढाँचे के निर्माण से भारत की समुद्री सुरक्षा उपस्थिति मज़बूत होगी।
  • रणनीतिक स्थान: पश्चिमी हिंद महासागर में मॉरीशस का स्थान इसे भारत की सागर (सभी के लिए सुरक्षा और विकास) रणनीति के लिए महत्त्वपूर्ण बनाता है।
  • समुद्री नोड: “हिंद महासागर का सितारा और कुंजी” कहा जाने वाला मॉरीशस ऐतिहासिक रूप से एक महत्त्वपूर्ण समुद्री नोड रहा है।
  • पतन: स्वेज नहर के खुलने के बाद इसका महत्त्व कम हो गया, लेकिन विश्व युद्धों और शीत युद्ध के दौरान यह पुनः बढ़ गया।
    • शीत युद्ध के दौरान अमेरिका-सोवियत प्रतिद्वंद्विता ने क्षेत्र में सामरिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ा दिया।
  • चीन की विस्तारवादी नीति: हिंद महासागर के तटवर्ती क्षेत्र में चीन का आर्थिक और सैन्य विस्तार सामरिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है। 
  • चीन की बढ़ती भूमिका के प्रमुख संकेतक:
    • अफ्रीका और मध्य पूर्व में नौसैनिक शक्ति प्रक्षेपण और बुनियादी ढाँचे में निवेश।
    • जिबूती में पहला विदेशी सैन्य अड्डा।
    • राजनयिक मंचों के माध्यम से मॉरीशस और अन्य द्वीप राज्यों के साथ जुड़ाव।
    • सैन्य रणनीति से परे, चीन वित्तीय केंद्र के रूप में मॉरीशस की भू-आर्थिक स्थिति को महत्त्व देता है।
  • भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा: यूरोपीय राष्ट्र पश्चिमी हिंद महासागर में रणनीतिक प्रभाव पुनः प्राप्त करना चाहते हैं। खाड़ी देश, रूस, ईरान और तुर्की भी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं।

हिंद महासागर का महत्त्व:

  • भू-राजनीतिक: प्रधानमंत्री मोदी की वर्ष 2015 की मॉरीशस और सेशेल्स यात्रा ने पश्चिमी हिंद महासागर के बढ़ते भू-राजनीतिक महत्त्व को मान्यता दी।
  • सागर पहल: सभी के लिए सुरक्षा और विकास के सिद्धांत ने भारत की विदेश नीति में हिंद महासागर को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
  • अनेक वैश्विक अभिकर्ता: यूरोप सहित चीन, रूस, खाड़ी देश और तुर्कीए जैसे राष्ट्र इस क्षेत्र में प्रभाव बनाने की होड़ में हैं।

चागोस द्वीपसमूह विवाद:

  • लीज (Leasing): ब्रिटेन ने 1968 में चागोस को मॉरीशस से अलग कर दिया और डिएगो गार्सिया को सैन्य अड्डे के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को पट्टे (लीज) पर दे दिया।
  • द्वीप पर पुनः कब्ज़ा: दशकों से मॉरीशस ने चागोस पर संप्रभुता पुनः प्राप्त करने के लिए एक कूटनीतिक और कानूनी अभियान चलाया।
  • द्वीप का महत्त्व: चागोस पर यूके-मॉरीशस समझौता कानूनी, भू-राजनीतिक और मानवीय महत्त्व है:
    • कानूनी: मॉरीशस के दावे का समर्थन करने वाले 2019 के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के निर्णय के अनुरूप।
    • भू-राजनीतिक: विउपनिवेशीकरण सिद्धांतों और अंतर्राष्ट्रीय कानून को मज़बूत करता है।
    • मानवीय: विउपनिवेशीकरण के दौरान लोगों के विस्थापन को संबोधित करता है।
    • पर्यावरणीय सहयोग: मॉरीशस और यूके के बीच दीर्घकालिक पारिस्थितिक सहयोग का आधार बनता है।

डिएगो गार्सिया का महत्त्व:

  • चीनी प्रभाव का सामना: मॉरीशस ने डिएगो गार्सिया पर 99 वर्ष के लिए पट्टा बढ़ाया, जिससे अमेरिकी सैन्य अड्डे की निरंतरता सुनिश्चित हो गई
    • ब्रिटेन के टोरीज़ और अमेरिकी रिपब्लिकन की आलोचना के बावजूद, यह कदम चीनी प्रभाव का प्रतिकार बढ़ाने की बजाय उसे प्रतिसंतुलित करता है।
  • सूत्रधार: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की वाशिंगटन यात्रा के दौरान समझौते का समर्थन किया।
    • भारत ने अपने क्षेत्रीय सुरक्षा हितों के अनुरूप इस व्यावहारिक समझौते को संभव बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई

निष्कर्ष

मॉरीशस ने रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखते हुए वैश्विक शक्तियों के साथ संतुलित संबंध विकसित किए हैं। भारत की साझेदारी केवल जातीय संबंधों पर नहीं, बल्कि विश्वास और पारस्परिक लाभ पर आधारित है।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न: हिंद महासागर में महाशक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में, भारत के लिए मॉरीशस के रणनीतिक महत्त्व की जाँच करें। भारत मॉरीशस के साथ सतत और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग सुनिश्चित करते हुए बढ़ते चीनी प्रभाव को कैसे संतुलित कर सकता है?

(15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.