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भारत-ब्रिटेन संबंध

Lokesh Pal July 05, 2024 05:00 139 0

संदर्भ:

वर्तमान में ब्रिटेन के साथ भारत का संबंध एक दोराहा पर स्थित हैं। दिशा चाहे जो भी हो, संबंध ऊपर की ओर बढ़ने के लिए तैयार प्रतीत होते हैं। 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: यूनाइटेड किंगडम (यूके) की भौगोलिक स्थिति, ब्रेक्सिट, भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंध, सामरिक और रक्षा सहयोग तथा अन्य सहकारी क्षेत्र एवं चुनौतियाँ।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत-यूके संबंध – ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, सहयोगी क्षेत्र, चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाएँ।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और हालिया घटनाक्रम:

  • लम्बे समय से एक दूसरे से जुड़े इतिहास: भारत और यूनाइटेड किंगडम के मध्य सदियों से एक जटिल ऐतिहासिक संबंध रहा है।
    • 1947 में भारत को ब्रिटिश उपनिवेशवाद से स्वतंत्र घोषित कर दिया गया।
    • 1950 में भारत ने गणतंत्र बनने के बाद राष्ट्रमंडल में बने रहने का निर्णय लिया।
    • 2004 में द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक उन्नत किया गया।
    • 2010 में संबंधों को “भविष्य के लिए उन्नत साझेदारी”  तक बढ़ा दिया गया।

  • ब्रेक्सिट का प्रभाव: ब्रेक्सिट प्रक्रिया के कारण प्रारंभ में भारत और यूके के मध्य द्विपक्षीय संबंधों पर ध्यान कम/नहीं  के बराबर दिया गया।
  • ब्रेक्सिट के बाद: ब्रेक्सिट के बाद, भारत यूके की “ग्लोबल ब्रिटेन” आकांक्षाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
  • 2022 उन्नयन: 2022 में संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में उन्नत किया गया।

राजनीतिक गतिशीलता की भूमिका:

  • यूके में आम चुनाव हुए (लेबर पार्टी की जीत का अनुमान) 
  • लेबर पार्टी में बदलाव: जेरेमी कॉर्बिन के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी को भारत के प्रति विरोधी माना जाता है। 
    • हालाँकि, कीर स्टारमर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी भारत और ब्रिटिश भारतीय समुदाय के साथ घनिष्ठ संबंध चाहती है।
  • ब्रिटिश भारतीय समुदाय: 1.8 मिलियन लोग ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में 6% से अधिक का योगदान देते हैं।

आर्थिक और व्यापारिक संबंध:

  • वर्तमान व्यापार: वर्तमान द्विपक्षीय व्यापार लगभग 40 बिलियन पाउंड का है।
  • FTA वार्ता: भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता (FTA) वार्ता का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को लगभग दोगुना करना है। 
    • भारत के लिए व्यापार-लाभ में वस्त्र, परिधान और रत्न क्षेत्र शामिल हैं।
  • चुनौतियाँ: भारत के उच्च टैरिफ (ऑटोमोबाइल और स्कॉच व्हिस्की पर 100-150%), ब्रिटेन की भारतीय सेवा बाजार तक पहुँच की इच्छा, तथा भारत की कुशल पेशेवरों के लिए अधिक गतिशीलता की माँग।

सामरिक एवं रक्षा सहयोग:

  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र के उभरते सामरिक परिदृश्य के परिणामस्वरूप ब्रिटेन का झुकाव हिंद महासागर की ओर हो गया है। 
    • यह यूके की एकीकृत समीक्षा रिफ्रेश (IR रिफ्रेश 2023) रणनीति में प्रलेखित है, जो यूके के “इंडो-पैसिफिक झुकाव” को मजबूत करता है, और नियम-आधारित व्यवस्था का समर्थन करने के लिए भारत जैसे “समान विचारधारा वाले” भागीदारों के साथ सहयोग पर बल देता है।
  • संयुक्त गतिविधियाँ: संयुक्त सैन्य अभ्यास, उन्नत नौसैनिक अंतर-संचालन, समुद्री क्षेत्र जागरूकता में सहयोग, आतंकवाद-रोधी सहयोग तथा मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) गतिविधियाँ।
    • अजेय वारियर अभ्यास, कोंकण अभ्यास और इन्द्रधनुष अभ्यास भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास हैं।
  • रक्षा व्यय: ब्रिटेन ने 2030 तक रक्षा व्यय को सकल घरेलू उत्पाद का 2.5% तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
    • 2023 में द्विपक्षीय संबंध 2+2 तंत्र तक उन्नत हो जाएंगे।

प्रौद्योगिकी और नवाचार सहयोग:

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता: कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग।
  • सेमीकंडक्टर: ब्रिटिश कंपनी SRAM और MRAM टेक्नोलॉजीज ने भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में 30,000 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की है।
  • कंप्यूटिंग: उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग में सहयोग।
  • साइबर सुरक्षा: उन्नत साइबर साझेदारी और वार्षिक साइबर वार्ता।

अन्य सहयोग क्षेत्र:

  • जलवायु परिवर्तन: दोनों देश डीकार्बोनाइजेशन के उद्देश्य से अनुसंधान और डिजाइन साझेदारी को मजबूत करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। 
  • साइबर सुरक्षा: दोनों देश उन्नत साइबर साझेदारी के माध्यम से सहयोग करते हैं। 
    • अमेरिका के अलावा यूके एकमात्र देश है जिसके साथ भारत वार्षिक साइबर वार्ता करता है।
  • इसके अतिरिक्त, फिनटेक, दूरसंचार, स्टार्टअप और उच्च शिक्षा महत्त्वपूर्ण क्षेत्र हैं।  

भू-राजनीतिक विचार:

मुद्दा

यूके का रुख

भारत-यूके संबंधों पर प्रभाव

चीन युग-परिभाषित और प्रणालीगत चुनौती भारत की चिंताओं के अनुरूप
भारत-रूस संबंध यूक्रेन मुद्दे पर मतभेद द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्त्वपूर्ण नहीं
ऐतिहासिक अड़चनें 

(पाकिस्तान और खालिस्तान मुद्दे)

धीरे-धीरे हाशिए पर जाना समग्र संबंध में सुधार

भविष्य की संभावनाएँ:

  • सहयोग: नये लेबर नेतृत्व के अंतर्गत अधिक सुचारू सहयोग की संभावना।
  • मुक्त व्यापार समझौते (FATA): दोनों देश FTA वार्ता के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
  • वैश्विक भूमिका: P5, G7 और फाइव आईज(Five Eyes) के सदस्य के रूप में यूके का वैश्विक प्रभाव निरंतर बढ़ रहा है, जबकि भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और सबसे अधिक आबादी वाला देश है।  

निष्कर्ष:

ब्रेक्सिट के बाद भारत-यूके साझेदारी फलने-फूलने लगी है। हालांकि, इंडो-पैसिफिक झुकाव के लिए यूके की प्रतिबद्धता के बारे में अनिश्चितता विद्यमान है, इसलिए इंडो-पैसिफिक के लिए सामूहिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। रक्षा और प्रौद्योगिकी साझाकरण में सहयोग बढ़ाने की भी व्यापक गुंजाइश है।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न:

प्रश्न: भारत की आजादी के बाद से भारत और यूनाइटेड किंगडम ने एक जटिल संबंध साझा किया है, जो औपनिवेशिक अतीत से रणनीतिक साझेदारी तक विकसित हुआ है। हाल के घटनाक्रमों के आलोक में, सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों और संभावित चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए, भारत-ब्रिटेन संबंधों की बहुमुखी प्रकृति की आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये। 

(15 अंक, 250 शब्द)

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