//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal
December 22, 2025 05:15
4
0
प्रधानमंत्री की ओमान, इथियोपिया और जॉर्डन यात्राओं ने भारत की लेन–देन आधारित (ट्रांजैक्शनल) कूटनीति की ओर बढ़ती प्रवृत्ति और ग्लोबल साउथ का नेतृत्व करने की उसकी महत्वाकांक्षा को रेखांकित किया है। ये तीनों देश “वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ” जैसी पहलों के अंतर्गत प्रमुख क्षेत्रीय साझेदार हैं।
ये यात्राएँ भारत की व्यावहारिक और संतुलित कूटनीति को रेखांकित करती हैं, जो आर्थिक हितों को आगे बढ़ाने, ग्लोबल साउथ में नेतृत्व को सुदृढ़ करने और पश्चिम एशिया में रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखने पर केंद्रित है। इससे बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था में एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में भारत की भूमिका और मजबूत होती है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:प्रश्न: बदलते भू-राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य के बीच ग्लोबल साउथ के साथ भारत की सहभागिता का महत्व बढ़ गया है। चर्चा कीजिए कि हाल की उच्चस्तरीय द्विपक्षीय सहभागिताएँ किस प्रकार क्षेत्रीय संघर्षों और रणनीतिक हितों के संतुलन के साथ-साथ ग्लोबल साउथ में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को सुदृढ़ करती हैं। (15 अंक, 250 शब्द) |
<div class="new-fform">
</div>

Latest Comments