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न्यायिक हिरासत में भारतीय मछुआरे : भारत-श्रीलंका मत्स्य विवाद

Lokesh Pal June 28, 2024 05:00 32 0

संदर्भ: 

मछली पकड़ने पर 61 दिन के वार्षिक प्रतिबंध के बाद, पाक खाड़ी सहित भारत के पूर्वी तट पर मछली पकड़ने का काम पुनः शुरू हो गया है। वहीं श्रीलंकाई नौसेना के एक नाविक की मौत हो गई। भारतीय उच्चायोग ने न्यायिक हिरासत में बंद 34 मछुआरों तथा सजा काट रहे छह अन्य मछुआरों की श्रीलंका सरकार से शीघ्र रिहाई की मांग की पेशकश की है जिससे यह मामला चर्चाओं में है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: पाक खाड़ी, जाफना के पास कांकेसंथुराई, 1974 और 1976 के द्विपक्षीय समझौते, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा आदि।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: पाक खाड़ी में मछली पकड़ने का विवाद, पाक खाड़ी क्षेत्र में टिकाऊ मछली पकड़ने की प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक रणनीति आदि।

मत्स्य पालन विवाद, भारत और श्रीलंका

  • श्रीलंकाई नौसेना ने 25 जून की सुबह जाफना के पास कांकेसंथुराई  के पास श्रीलंकाई जलक्षेत्र में “भारतीय अवैध शिकार करने वाले जहाजों के एक समूह को खदेड़ने” के लिए एक अभियान चलाया था।

  • इस अभियान में एक ट्रॉलर-जहाज जब्त किया गया और 10 मछुआरे पकड़े गए, जिनमें से आठ तमिलनाडु और बाकी आंध्र प्रदेश के थे। हालांकि भारतीय (तमिलनाडु) मछुआरों की मौत के भी कई मामले सामने आए हैं।
  • तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने जहाज और उसमें सवार लोगों को रिहा कराने के लिए  विदेश मंत्री एस. जयशंकर से हस्तक्षेप की मांग की है।
  • 26 जून को मुख्यमंत्री को भेजे अपने जवाब में श्री जयशंकर ने कहा कि भारतीय उच्चायोग न्यायिक हिरासत में बंद 34 मछुआरों तथा सजा काट रहे छह अन्य मछुआरों की शीघ्र रिहाई की मांग कर रहा है।
  • मछली पकड़ने पर 61 दिन के वार्षिक प्रतिबंध के बाद, पाक खाड़ी सहित भारत के पूर्वी तट पर मछली पकड़ने का काम पुनः शुरू हो गया है। वहीं श्रीलंकाई नौसेना के एक नाविक की मौत हो गई।

अन्य संबंधित तथ्य : 

  • यह दोनों देशों के लिए वार्ता प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने का अवसर है, विशेष रूप से मत्स्य विवाद से निपटने के लिए, जो 1974 और 1976 में समुद्री सीमा रेखाओं के निर्धारण के लिए हुए द्विपक्षीय समझौतों के बाद और गंभीर हो गया था।
  • स्टालिन ने जयशंकर को संयुक्त कार्य समूह की बैठक बुलाने की याद दिलाकर सकारात्मक पहल की है, जो पिछली बार दो वर्ष पहले (वर्चुअल रूप से) आयोजित की गई थी। 
  • भारतीय मछुआरों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा को पार करना स्पष्ट रूप से अवैध है; आजीविका के अवसरों की सुरक्षा से संबंधित कारकों को समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के महत्व से अलग नहीं किया जा सकता है।
  • तमिलनाडु के मछुआरों द्वारा उपयोग किए जा रहे बॉटम ट्रॉलरों को धीरे-धीरे प्रतिस्थापित करना आवश्यक है, लेकिन मछुआरों को विविधीकरण के लिए तैयार होने के लिए, गहरे समुद्र में मछली पकड़ना, समुद्री पिंजरा पालन, समुद्री शैवाल की खेती और प्रसंस्करण, तथा समुद्री पशुपालन करना आदि समय की आवश्यकता है। 
  • केंद्र और तमिलनाडु सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही  गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की परियोजना के अनुभव से यह निष्कर्ष निकलता है कि यह परियोजना असफल रही है।
  • कार्यान्वयन के लगभग सात वर्षों के बाद , केवल 61 गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाज लाभार्थियों को सौंपे गए हैं, तथा 19 और निर्माणाधीन हैं।
  • यह विचारणीय होगा यदि केंद्र सरकार इस परियोजना को अखिल भारतीय कार्यक्रम के साथ जोड़ दे, जहां गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाज की प्रति इकाई लागत 40 लाख रुपये अधिक है, ताकि कम से कम इस स्तर पर भी बेहतर प्रतिक्रिया मिल सके।
  • केंद्र-राज्य परियोजना के तहत गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले एक जहाज की प्रति इकाई लागत 80 लाख रुपये है। नई दिल्ली और कोलंबो उत्तरी प्रांत के मछुआरों की और अधिक मदद करने के लिए अतिरिक्त योजनाएँ बना सकते हैं। 
  • लेकिन अधिक महत्वपूर्ण यह है कि दोनों देशों, मछुआरा समुदाय के प्रतिनिधियों तथा तमिलनाडु और उत्तरी प्रांत के अधिकारियों को विवाद का समाधान करने के उद्देश्य से शीघ्र ही कोई प्रतिक्रिया करनी चाहिए।

निष्कर्ष:

भारत और श्रीलंका को मत्स्य विवाद को हल करने के लिए, सभी हितधारकों के बीच सहयोग सुनिश्चित करते हुए बातचीत को पुनर्जीवित करना चाहिए , आजीविका की रक्षा करनी  चाहिए  और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देना चाहिए ।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न:

प्रश्न: पाक खाड़ी के मछली पकड़ने के विवाद की बहुमुखी प्रकृति, द्विपक्षीय संबंधों पर इसके प्रभाव की आलोचनात्मक जांच करें और क्षेत्र में टिकाऊ मछली पकड़ने की प्रथाओं को सुनिश्चित करते हुए सभी हितधारकों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक व्यापक रणनीति का सुझाव दें।” 

(15 अंक, 250 शब्द)

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