//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal December 10, 2024 05:30 27 0
सितंबर में अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) के एक कर्मचारी की कथित तौर पर काम के दबाव के कारण हुई मौत ने कार्यस्थल पर अत्यधिक तनाव की स्थिति की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। यह दुखद घटना श्रमिकों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए “डिस्कनेक्ट करने के अधिकार” की बढ़ती आवश्यकता को उजागर करती है।
रिपोर्ट और निष्कर्ष:
|
नोट: सांसद सुप्रिया सुले ने 2018 में लोकसभा में एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया, जिसमें गैर-अनुपालन के लिए दंड के प्रावधानों के साथ डिस्कनेक्ट करने के अधिकार की वकालत की गई थी । |
भारत में राइट-टू-डिस्कनेक्ट कानून लागू करने से श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा होगी, बेहतर मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलेगा और कार्यबल की उत्पादकता में वृद्धि होगी। वैश्विक मानकों के अनुरूप यह कदम भारतीय कर्मचारियों के लिए मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है और उनके लिए स्वस्थ कार्य-जीवन के संतुलन को बढ़ावा देता है।
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:प्रश्न: डिस्कनेक्ट होने का अधिकार वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण वैश्विक अधिकार के रूप में उभर रहा है, फिर भी भारत विभिन्न देशों के विशिष्ट कानून से पीछे है। कार्य संस्कृति, कर्मचारी कल्याण और आर्थिक उत्पादकता पर इसके संभावित प्रभाव का विश्लेषण करते हुए भारत में ऐसे कानून की आवश्यकता का परीक्षण कीजिए । (15 अंक, 250 शब्द) |
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments