100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत का ऊर्जा भविष्य

Lokesh Pal August 07, 2024 05:00 77 0

संदर्भ: 

अपने लगातार सातवें बजट भाषण में वित्त मंत्री ने ऐसे उपायों की घोषणा की जो स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा संरक्षण योजनाएं, पर्यावरण और जल परिषद (CEEW), भारत का बिजली उत्पादन मिश्रण, सौभाग्य योजना, आदि।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत में स्वच्छ ऊर्जा के परिवर्तन में चुनौतियां और अवसर, एक स्थायी विद्युत क्षेत्र सुनिश्चित करने के उपाय, आदि। 

भारत के ऊर्जा भविष्य को सशक्त बनाना:

  • इन उपायों में पंपयुक्त जल भंडारण पर नीतियां विकसित करना , तथा परमाणु ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता को समर्थन देने के लिए ऊर्जा संक्रमण मार्ग अपनाना शामिल है।
  • हालांकि मई से अब तक की रिकॉर्ड तोड़ गर्मी, ने विद्युत की मांग बढ़ा दी है।
  • जो स्पष्ट रूप से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और तेजी से परिवर्तित होती जलवायु दोनों को दर्शाते हैं। प्रश्न है कि भारत की अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाए रखने के लिए क्या करना होगा?
  • NDA सरकार के लिए ऊर्जा सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन प्राथमिकताएं रही हैं।

तीन प्रमुख उपलब्धियाँ 

  • ऊर्जा सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन प्राथमिकताएं, पिछले दशक में भारत द्वारा हासिल की गई तीन प्रमुख उपलब्धियों से स्पष्ट है।
  • पहला, सौभाग्य योजना के माध्यम से लगभग सार्वभौमिक विद्युतीकरण , ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (CEEW) द्वारा किए गए स्वतंत्र सर्वेक्षणों से पता चलता है कि वर्ष 2020 में लगभग 97% घरों में बिजली पहुंचाई गई।
  • दूसरा, देश में स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा (RE) क्षमता में पांच गुना वृद्धि देखी गई, जिससे भारत नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के हिसाब से विश्व स्तर पर चौथा सबसे बड़ा देश बन गया है।
  • तीसरा, बिजली वितरण कंपनियों (Discoms) के कुल घाटे में 40% की गिरावट आई है, जो 2022-23 में लगभग 15% के सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर आ गया है।
  • अतः ये तीनों उपलब्धियां इस बात का स्पष्ट संकेत देते हैं कि भारतीय विद्युत क्षेत्र का आधार मजबूत हो रहा है।
  • हालाँकि, भारत को उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती बिजली की आपूर्ति करते हुए अपनी बिजली प्रणाली को गति और पैमाने पर कार्बन मुक्त करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • इसके अलावा, भारत के बिजली क्षेत्र को और भी अधिक प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा
  • कोविड-19 महामारी के बाद से हमारी वार्षिक बिजली की मांग प्रति वर्ष 7-9% की दर से बढ़ रही है, लेकिन हमारी अधिकतम मांग और भी तेजी से बढ़ रही है।
  • जलवायु परिवर्तन से प्रेरित मौसम की चरम स्थितियां इन चुनौतियों को और बढ़ा देती हैं।
  • बिजली वितरण कंपनियों (Discoms) के लिए किफायती विकल्पों और मौजूदा नेटवर्क क्षमता के माध्यम से अनियोजित वृद्धि को पूरा करना चुनौतीपूर्ण है, जिसके परिणामस्वरूप बिजली कटौती होती है।

मौजूदा चुनौतियों का समाधान करने के उपाय :

A. नवीकरणीय ऊर्जा और भंडारण प्रणालियों के लक्ष्य से आगे बढ़ाना: 

  • सबसे पहले, सरकार को 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा और भंडारण प्रणालियों के लक्ष्य को बढ़ाकर 500 गीगावाट से आगे ले जाना होगा।
  • नवीकरणीय क्षमता बढ़ाने के पिछले प्रयासों के बावजूद, भारत के विद्युत उत्पादन मिश्रण में इसकी हिस्सेदारी सिर्फ 13% है।
  • पिछली बिजली आपूर्ति की कमी और ऊर्जा मांग में वृद्धि की उम्मीदों ने नीति निर्माताओं को नई कोयला क्षमता की ओर भी ध्यान देने के लिए प्रेरित किया है।
  • इसके बजाय, हमें भारत के विद्युत उत्पादन मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने तथा भंडारण समाधानों को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
  • नवीकरणीय ऊर्जा और भंडारण ऊर्जा अधिकतम मांग को पूरा कर सकती है, लागत-प्रतिस्पर्धी है, तथा इसका निर्माण तेजी से किया जा सकता है।

B. विविध स्वच्छ ऊर्जा संसाधनों की तीव्र तैनाती को बढ़ावा देना: 

  • अकेले 2023 में, चीन ने 300 गीगावाट सौर और पवन क्षमता हासिल की, जबकि यूरोपीय संघ ने 73 गीगावाट क्षमता हासिल की। 
  • मार्च तक भारत की संचयी नवीकरणीय क्षमता 144 गीगावाट (GW) थी, तथा 128 गीगावाट की क्षमता पाइपलाइन में है।
  • यह तुलना स्वच्छ संसाधनों को तीव्र गति और पैमाने पर तैनात करने की तात्कालिकता को इंगित करती है।
  • इसके लिए अधिकाधिक राज्यों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का उपयोग करने के साथ-साथ तीव्र ग्रिड कनेक्टिविटी और परियोजनाओं को समय पर चालू करने के लिए उपयुक्त, संघर्ष-मुक्त भूमि तक पहुंच की आवश्यकता है।
  • सौर ऊर्जा से लेकर अन्य स्वच्छ प्रौद्योगिकियों तक विविधीकरण से भारत को अपनी उभरती मांग को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।

C. ऊर्जा की उपलब्धता में सुधार के लिए उपाय लागू करना:  

  • वित्त वर्ष-2023 के दौरान, भारत की बिजली उत्पादन क्षमता का केवल 6.3% बिजली एक्सचेंजों के माध्यम से खरीदा गया था, शेष द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से आया था।
  • विद्युत एक्सचेंज में कम तरलता (व्यापार की जाने वाली मात्रा) के कारण मूल्य में अस्थिरता का जोखिम उत्पन्न होता है।
  • इससे क्रेता और विक्रेता दोनों ही बिजली खरीद और मूल्य वसूली के लिए एक्सचेंज पर निर्भर नहीं रह पाते, और परिणामस्वरूप, बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करने की हमारी क्षमता पर भी असर पड़ता है।
  • भारत को दीर्घकालिक अनुबंधों के लिए क्षमता स्थापित करने के अलावा, एक्सचेंज में बिजली बेचने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा डेवलपर्स को आकर्षित करने के लिए अपनी निविदाओं की बोलियों के नियमों  में नवाचार लाने की आवश्यकता महसूस होती है
  • उदाहरण के लिए, नवीकरणीय ऊर्जा कार्यान्वयन एजेंसी के नेतृत्व वाली बोली प्रक्रिया के अंतर्गत, नवीकरणीय ऊर्जा डेवलपर्स को दीर्घकालिक अनुबंधों के लिए बोली की मात्रा से परे, व्यापारिक बिक्री के लिए परियोजना क्षमताओं का हिस्सा बनाने की आवश्यकता हो सकती है।

D. कोयला बेड़े का प्रभावी रखरखाव और उपयोग सुनिश्चित करना: 

  • भले ही हम नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अधिकाधिक उपयोग कर रहे हैं, लेकिन कोयला एक ऊर्जा संसाधन के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • CEEW के मेरिट डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि वित्त वर्ष- 2024 में 210 गीगावाट से अधिक कोयला क्षमता ने गैर-सौर घंटों के दौरान लगभग 80% बिजली का उत्पादन किया है
  • हालाँकि, नियोजित रखरखाव या तकनीकी खराबी के कारण उस वर्ष लगभग 60% समय के लिए 40 गीगावाट से अधिक कोयला क्षमता अनुपलब्ध रही है
  • राज्य नियामकों को कोयला बेड़े के समय पर रखरखाव को सक्षम करने के लिए मानदंडों को संशोधित करना चाहिए और चुनिंदा कोयला संयंत्रों को लचीला बनाने के लिए निवेश की भरपाई करनी चाहिए।

E. डिजिटलीकरण को तीव्र गति से आगे बढ़ाना:  

  • अंत में, भारत के ऊर्जा परिवर्तन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए बिजली वितरण कंपनियों (Discoms) और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने हेतु डिजिटलीकरण को तीव्र गति से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
  • स्मार्ट मीटर से बिजली वितरण कंपनियों (Discoms) को बिजली की मांग का सटीक अनुमान लगाने, नेटवर्क की बेहतर योजना बनाने और नवीकरणीय ऊर्जा को लागत प्रभावी तरीके से एकीकृत करने में मदद मिलेगी।
  • भारत में 11 मिलियन से अधिक स्मार्ट मीटर पहले ही लगाए जा चुके हैं, जिनमें से आधे बिहार और असम में हैं। 
  • हालाँकि, भारत का स्मार्ट मीटरिंग अभियान 250 मिलियन के लक्ष्य से बहुत दूर है।
  • बिजली वितरण कंपनियों (Discoms) को अपना आत्मविश्वास मजबूत करना चाहिए और बिहार तथा असम से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो पहले से ही स्मार्ट मीटरिंग के माध्यम से घाटे में कमी और उपभोक्ताओं को समय पर बिल वितरण जैसे लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
  • लेकिन विनियमनों और डिजिटलीकरण प्रयासों के केंद्र में उपभोक्ता गोपनीयता और साइबर हमलों के विरुद्ध प्रणाली की तैयारी को बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा।
  • स्वच्छ, लचीले और सुदृढ़ विद्युत ग्रिड में निवेश करने से हमारी अर्थव्यवस्था को स्थायी रूप से बढ़ने में मदद मिलेगी तथा स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में रोजगार सृजित होंगे।

निष्कर्ष:

भारत की भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा अक्षय ऊर्जा को अपनाने में तेज़ी लाने, ग्रिड लचीलापन बढ़ाने और प्रणालियों को डिजिटल बनाने पर निर्भर करती है। प्रभावी नीतियों और निवेशों से सतत विकास और रोज़गार सृजन को बढ़ावा मिल सकता है।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न:

प्रश्न: भारत में स्वच्छ ऊर्जा की ओर संक्रमण की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करें। देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए एक टिकाऊ और विश्वसनीय बिजली क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख उपाय सुझाएँ।                                     

(10 अंक, 150 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.