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भारत का सौर उद्योग

Lokesh Pal October 23, 2025 05:15 14 0

सन्दर्भ:

सौर उद्योग को विकसित करने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया जाना चाहिए। इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2017 में दर्ज की गई, जब सौर ऊर्जा की प्रति यूनिट लागत कोयला बिजली की तुलना में कम हो गई तथा इस प्रकार ग्रिड समता की स्थिति प्राप्त हुई।

भारत के सौर उद्योग की वर्तमान स्थिति:

  • ग्रिड समता लाभ: ग्रिड समता की उपलब्धि ने केवल जलवायु प्रतिबद्धताओं की बजाय लाभप्रदता से प्रेरित निजी निवेश को प्रोत्साहित किया।
  • वैश्विक रैंक: भारत अब जापान को पीछे छोड़ते हुए चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश बन गया है।
  • विनिर्माण वृद्धि: भारत की सौर मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता में नाटकीय रूप से विस्तार हुआ है – जो 2014 में मात्र 2 गीगावाट से बढ़कर 2025 में लगभग 100 गीगावाट हो गई है।
  • PLI योजना: उत्पादन सम्बद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना नेचीन से आयातित पॉलीसिलिकॉन और सौर सेल जैसे भागों की असेंबली को बढ़ावा देने की बजाय वास्तविक घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देकर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • प्रोत्साहनों को उत्पादन से जोड़ा गया, जिससे सम्पूर्ण मूल्य शृंखला में निवेश को बढ़ावा मिला।

भारत के सौर उद्योग की चुनौतियाँ:

  • पंचामृत लक्ष्य अंतराल: COP26 (ग्लासगो) में भारत ने प्रतिज्ञा की, कि 2030 तक उसकी 50% बिजली गैर-जीवाश्म स्रोतों से आएगी, जिसके लिए 500 गीगावाट नवीकरणीय क्षमता की आवश्यकता होगी, जिसमें सौर ऊर्जा से 280 गीगावाट शामिल है।
    • वर्तमान स्थापित सौर क्षमता लगभग 117 गीगावाट है तथा अगले 5-6 वर्षों में इसमें 163 गीगावाट की वृद्धि की आवश्यकता है।
    • इसके लिए प्रतिवर्ष 30 गीगावाट की वृद्धि की आवश्यकता है, लेकिन भारत वर्तमान में प्रतिवर्ष केवल 17-23 गीगावाट ही जोड़ रहा है।
  • माँग-आपूर्ति असंतुलन: यद्यपि भारत में 85 गीगावाट की विनिर्माण क्षमता है, लेकिन सौर मॉड्यूल की घरेलू माँग केवल 17-23 गीगावाट है।
    • इस अल्प-उपयोग से कारखानों के बंद होने, NPA में वृद्धि तथा क्षमता विस्तार में मंदी का खतरा है।
  • निर्यात संबंधी चुनौतियाँ: भारतीय सौर पैनल चीनी पैनलों की तुलना में 5-2 गुना अधिक महंगे हैं, जिससे निर्यात कठिन हो जाता है।
  • चीन की बढ़त: चीन का प्रभाव निम्नलिखित कारणों से है:
    • बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाएँ
    • महत्त्वपूर्ण कच्चे माल (जैसे- पॉलीसिलिकॉन और वेफर्स) पर नियंत्रण
    • बेहतर स्वचालन और उन्नत प्रौद्योगिकी
    • 2024 में चीन ने 236 गीगावाट सौर पैनल निर्यात किए, जबकि भारत ने 4 गीगावाट निर्यात किया – भारत के अधिकांश निर्यात को केवल चीनी आयात पर अमेरिकी टैरिफ से लाभ प्राप्त होगा।

आगे की राह:

  • अफ्रीका की संभावनाएँ: प्रचुर मात्रा में सूर्य के प्रकाश से संपन्न अफ्रीका, सौर ऊर्जा के मामले में अभी भी अत्यंत पिछड़ा हुआ है।
    • चूँकि चीन मुख्य रूप से अमेरिका और यूरोप जैसे समृद्ध बाजारों पर ध्यान केंद्रित करता है, इसलिए अफ्रीका भारत के लिए इस अंतराल को भरने का एक अवसर प्रस्तुत करता है।
    • अफ्रीका की उच्च क्षमता वाली कृषि भूमि का केवल 4% ही सिंचित है, जो महंगी बिजली और कमजोर जल नेटवर्क के कारण बाधित है।
    • सौर ऊर्जा कृषि और ग्रामीण विकास दोनों को गति दे सकती है।
  • निर्यात योग्य भारतीय मॉडल्स का लाभ उठाना: भारत अफ्रीकी देशों को अपने सफल सौर कार्यक्रमों को दुहराने में सहायता कर सकता है:
    • प्रधानमंत्री कुसुम योजना: किसानों को सब्सिडी वाले सौर पंप प्रदान करती है, जिसमें सरकार अधिशेष बिजली खरीदती है।
    • प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना: घरेलू बिजली बिलों में कटौती के लिए छत पर सौर ऊर्जा स्थापना को प्रोत्साहित करती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की भूमिका: आईएसए के माध्यम से भारत अफ्रीकी देशों को इस शर्त पर रियायती ऋण दे सकता है, कि वे भारत से सौर पैनल खरीदें, जिससे सौर ऊर्जा तक पहुँच और भारतीय निर्यात दोनों का विस्तार होगा।
  • व्यावहारिक रणनीति: चूँकि चीन पहले से ही अफ्रीका में प्रभावी है, इसलिए भारत को दूसरा सबसे बड़ा सौर आपूर्तिकर्ता बनने का लक्ष्य रखना चाहिए, ताकि चीन पर निर्भरता से दूर जाने के इच्छुक देशों के लिए एक विकल्प उपलब्ध हो सके।

निष्कर्ष:

भारत की सौर ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति सराहनीय है, लेकिन विकास को बनाए रखने तथा चीन के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए अफ्रीकी बाजारों का दोहन करना महत्त्वपूर्ण है।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न: भारत का सौर ऊर्जा क्षेत्र अवसर और चुनौती के चौराहे पर खड़ा है। भारत के सौर उद्योग के विकास को प्रेरित करने वाले प्रमुख कारकों पर चर्चा कीजिए और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीतिगत, अवसंरचनात्मक और वित्तीय बाधाओं का परीक्षण कीजिए।

(15 अंक, 250 शब्द)

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