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भारत के पर्यटन क्षेत्र को एक विनियामक पुनर्चिंतन की आवश्यकता

Lokesh Pal December 19, 2025 05:15 14 0

संदर्भ:

अमिताभ कांत जैसे विशेषज्ञों का तर्क है, कि भारत की पर्यटन क्षमता ‘विनियामक अधिकता’ और प्रतिस्पर्धात्मकता की कमी के कारण बाधित है।

पर्यटन की संभावनाएँ

  • समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत: भारत के पास स्मारक, पर्वत, समुद्र तट और विविध व्यंजन हैं, जो इसे विश्व के सबसे समृद्ध यात्रा स्थलों में से एक बनाते हैं।
  • रोजगार और राजस्व का अवसर: पर्यटन में अगले दशक में $1 ट्रिलियन का उद्योग बनने और 50 मिलियन रोजगार सृजित करने की क्षमता है।
  • व्यापक प्राकृतिक संपदा: भारत की तटरेखा थाईलैंड से तीन गुना लंबी है और इसका राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र केन्या से दुगुना है।
  • विदेशी पर्यटकों के आगमन में कमी: इन लाभों के बावजूद, भारत वार्षिक तौर पर केवल लगभग 10 मिलियन विदेशी पर्यटकों को ही आकर्षित कर पाता है।

पर्यटन क्षेत्र के विकास में मुख्य बाधाएँ

  • पर्यटन सेवाओं की उच्च लागत: गोवा में 4-स्टार बीच होटलों की लागत ₹12,000–₹15,000 प्रति दिन है, जबकि फुकेत या दा नांग में इसकी लागत लगभग आधी है।
  • अत्यधिक विनियमन: उद्यमियों को दर्जनों अनुमतियों, उच्च उत्पाद शुल्क और लंबी अनुमोदन प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है।
    • होटलों को लगभग 50 क्लीयरेंस, रेस्तराँ को लगभग 30 और छोटे ऑपरेटरों को भी कई अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) चाहिए होते हैं।
  • लंबी परियोजना समयसीमा: पर्यटन परियोजनाओं को मंजूरी मिलने में तीन वर्षों तक का समय लगता है, जबकि दक्षिण-पूर्व एशिया में यह समय केवल 18 महीने है।
  • तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) प्रतिबंध: CRZ मानक हाई-टाइड लाइन के 200-500 मीटर के भीतर निर्माण को प्रतिबंधित करते हैं, तथा इसमें इको-रिसॉर्ट्स और बड़े होटलों के बीच कोई अंतर नहीं किया गया है।
  • स्मारक संरक्षण बाधाएँ: AMASR अधिनियम संरक्षित स्मारकों के 100-300 मीटर के भीतर विकास को रोकता या सीमित करता है।
  • समान पर्यावरणीय क्लीयरेंस: वन, वन्यजीव और पर्यावरणीय प्रक्रियाएँ छोटे लॉज तथा बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं पर समान रूप से लागू होती हैं, जिससे गंगा के किनारे, कोंकण तट और बाघ अभयारण्य सतत निवेश के लिए दुर्गम हो गए हैं।

अंतरराष्ट्रीय तुलना – संतुलित संरक्षण दृष्टिकोण

  • थाईलैंड का ग्रीन टूरिज्म मॉडल: थाईलैंड अपने ‘ग्रीन टूरिज्म’ प्रमाणन प्रणाली के तहत इको-रिसॉर्ट्स की अनुमति देता है।
  • वियतनाम का तटीय विकास: वियतनाम सख्त अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के साथ समुद्र तट पर कम घनत्व वाले विकास की अनुमति देता है।
  • श्रीलंका का तटीय क्षेत्रीकरण: श्रीलंका ऊंचाई और बाढ़ जोखिम के आधार पर तटीय विकास का क्षेत्रीकरण (ज़ोनिंग) करता है।

आगे की राह:

  • विनियमन से सुविधा की ओर: राज्यों को मिशन-मोड निष्पादन के माध्यम से केवल नियम लागू करने की बजाय सुविधाएँ प्रदान करने पर ध्यान देना चाहिए।
  • लाइसेंसों का युक्तिकरण: कम-से-कम 10 लाइसेंसों को सरल बनाया जाना चाहिए, छह को समाप्त और 10 का विलय करना चाहिए (अतिथि फाउंडेशन रिपोर्ट के अनुसार)।
  • एकीकृत नगरपालिका लाइसेंस: आतिथ्य प्रतिष्ठानों के लिए कई व्यापार लाइसेंसों के स्थान पर एक एकीकृत नगरपालिका लाइसेंस होना चाहिए।
  • जोखिम-आधारित अग्नि सुरक्षा मंजूरी: कम जोखिम वाली इकाइयों के लिए 7 दिनों के भीतर अस्थायी NOC जारी करनी चाहिए तथा प्रमाण-पत्रों की वैधता अवधि 5-10 वर्ष करनी चाहिए।
  • प्रदूषण वर्गीकरण को तर्कसंगत बनाना: सौर ऊर्जा और स्वच्छ ईंधन (LPG) का उपयोग करने वाले होटलों को ‘नारंगी’ या ‘लाल’ की बजाय ‘हरा’ या ‘सफेद’ श्रेणी में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।
  • होमस्टे क्षमता का विस्तार: होमस्टे के कमरों की सीमा बढ़ाकर आठ की जानी चाहिए और मालिक के वहाँ रहने की अनिवार्यता को समाप्त करना चाहिए।
  • पर्यटक परिवहन के लिए विनियमित पहुँच: निजी पर्यटक बसों को सरकारी अंतर-राज्यीय बस टर्मिनलों (ISBT) तक विनियमित पहुँच प्रदान की जानी चाहिए।
  • अखिल भारतीय पर्यटक परमिट: ‘ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट’ को सभी राज्यों में समान रूप से लागू किया जाना चाहिए।
  • साहसिक पर्यटन के लिए सिंगल-विंडो मंजूरी: साहसिक और जल-आधारित पर्यटन के लिए एक एकल ऑनलाइन पोर्टल होना चाहिए।
  • पर्यटन सुधार में प्रतिस्पर्धी संघवाद: चूँकि पर्यटन राज्य का विषय है, इसलिए गोवा, हिमाचल प्रदेश तथा राजस्थान जैसे राज्यों द्वारा अपनाई गई ‘सिंगल-विंडो क्लीयरेंस’ जैसी पहलों को अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए।

निष्कर्ष:

पर्यटन विकास के लिए नियंत्रण अथवा विनियमन में कमी आवश्यक है। उद्यमियों की तैयारी को सरकारी सहयोग मिलना चाहिए, ताकि निवेश, रोजगार और वैश्विक पहचान को बढ़ावा मिल सके।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

प्रश्न: विशाल पर्यटन क्षमता के बावजूद, भारत वैश्विक स्तर पर पर्यटन क्षेत्र में कम प्रदर्शन कर रहा है। परीक्षण कीजिए, कि विनियामक बाधाएँ पर्यटन के विकास को कैसे सीमित करती हैं और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के लिए आवश्यक सुधारों का उल्लेख कीजिए।

(10 अंक, 150 शब्द)

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