//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal
March 12, 2024 05:30
404
0
यह लेख भारत में किडनी प्रत्यारोपण हेतु किडनी की गंभीर कमी पर प्रकाश डालता है और यह भी सुझाव देता है कि किडनी स्वैप और किडनी चेन के नवीन तरीकों से प्रत्यारोपण में वृद्धि हो सकती हैI साथ ही इस लेख में भारत को अपने नागरिकों की मदद करने और अवैध किडनी बिक्री को कम करने के लिए सफल अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं को अपनाने के संबंध में भी चर्चा की गई है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत में किडनी प्रत्यारोपण की कमी और किडनी प्रत्यारोपण के तरीकों के बारे में। मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: किडनी प्रत्यारोपण- सांख्यिकी, चुनौतियाँ और आगे की राह। |
---|
1. किसी मृत व्यक्ति से:
2. किसी रिश्तेदार या मित्र से किडनी दान के अनुरोध द्वारा:
3. किडनी स्वैप: यह तब किया जाता है जब दो असंगत दाता-प्राप्तकर्ता जोड़े किडनी का आदान-प्रदान करते हैं।
4. किडनी चेन: इसकी शुरुआत एक परोपकारी दाता से होती है। यह दाता एक संगत प्राप्तकर्ता को किडनी देता है और उसका असंगत दाता किसी अन्य संगत प्राप्तकर्ता को किडनी देता है, जिससे दान की एक शृंखला बन जाती है।
भारत के समक्ष उपस्थित किडनी प्रत्यारोपण संकट पर तत्काल ध्यान देने और व्यापक सुधारों को किए जाने की आवश्यकता है। इस संबंध में उत्कृष्ट अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों से सीखकर, नियामक परिवर्तनों को लागू करके और सहयोग को बढ़ावा देकर भारत अंग प्रत्यारोपण की दिशा में आए इस अंतराल को पाट सकता है।
समाचार स्रोत: द हिंदू
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments