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Lokesh Pal
September 20, 2024 05:45
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हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय मदरसों की कानूनी स्थिति की समीक्षा करने का साहसिक प्रयास किया है, जिसमें उनके शैक्षिक मानकों और वित्त पोषण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। यह शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुपालन के संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा उठाई गई चिंताओं के परिणामस्वरूप प्रभाव में आया है।
भारत में मदरसों को सामान्यतया दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है:
2023 में, लगभग 1.69 लाख छात्रों ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं के लिए, प्रतिभाग किया, जो कक्षा 10 और कक्षा 12 के समकक्ष हैं। मदरसा बोर्डों की तरह, उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में एक अलग संस्कृत बोर्ड भी हैं।
मदरसा शिक्षा पारंपरिक स्कूल प्रणालियों के समान है, जिसमें छात्र निम्नलिखित स्तरों से आगे बढ़ते हैं:
दर्स-ए-निज़ामी मदरसों में शिक्षा का माध्यम आम तौर पर अरबी, उर्दू और फ़ारसी होता है, जबकि दर्स-ए- आलिया मदरसों में राज्य या NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) की पाठ्यपुस्तकें शामिल होती हैं। कई मदरसा बोर्ड अब NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) पाठ्यक्रम पर संचालित हो रहे हैं, जिसमें गणित, विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी जैसे अनिवार्य विषय शामिल हैं, साथ ही संस्कृत या दीनियत (कुरान सहित धार्मिक अध्ययन) जैसे वैकल्पिक पेपर भी शामिल हैं।
मदरसों को प्राथमिक वित्त पोषण राज्य सरकारों से मिलता है। केंद्र सरकार मदरसों/अल्पसंख्यकों को शिक्षा प्रदान करने की योजना (एसपीईएमएम) के माध्यम से भी अनुदान व योगदान देती है। अतः मदरसे को सरकार निम्नलिखित दो उप-योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करती है:
2021 में, केंद्र सरकार मदरसों/अल्पसंख्यकों को शिक्षा प्रदान करने की योजना (एसपीईएमएम) का प्रशासन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से शिक्षा मंत्रालय को स्थानांतरित कर दिया गया।
वर्तमान में, न्यायालय द्वारा मदरसों की चल रही कानूनी जांच शिक्षा के अधिकार अधिनियम के साथ संरेखण सुनिश्चित करने के लिए व्यापक शैक्षणिक मानकों के साथ धार्मिक शिक्षा को संतुलित करने की आवश्यकता पर जोर देती है। संवैधानिक प्रावधानों का सम्मान करते हुए, सभी संवेदनशील चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार और हितधारकों के बीच एक सहयोगात्मक संवाद आवश्यक है।
मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्नप्रश्न: “अल्पसंख्यक संस्थानों में धार्मिक और आधुनिक शिक्षा के बीच संतुलन सामाजिक एकीकरण को आकार देता है।” टिप्पणी करें। (10 अंक , 150 शब्द) |
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