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Lokesh Pal
December 15, 2025 05:15
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संसद की कार्यप्रणाली प्रायः व्यवधान, संघर्ष, सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच कम विश्वास से प्रभावित रहती है, जिसके परिणामस्वरूप सीमित चर्चा के साथ कानून पारित हो जाते हैं, जिसे भारत की लोकतांत्रिक विचार-विमर्श प्रक्रिया के लिए हानिकारक माना जाता है।
प्रस्तावित सुधारों की सफलता सार्थक संसदीय कार्यप्रणाली को बहाल करने के लिए आवश्यक प्रतीत होती है, लेकिन उनकी सफलता अंततः सभी दलों के मध्य राजनीतिक स्वीकृति प्राप्त करने के लिए निरंतर जन दबाव पर निर्भर करती है।
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