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Lokesh Pal
October 28, 2025 05:00
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बिग टेक प्लेटफार्मों पर भ्रामक दवा विज्ञापनों का अनियंत्रित प्रसार, उनकी कानूनी प्रतिरक्षा और विनियामक निष्क्रियता के साथ मिलकर, एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के रूप में विकसित हुआ है, जो विधिक जवाबदेही और संवैधानिक संप्रभुता को नष्ट कर रहा है।
डिजिटल युग में सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए भारतीय कानूनों के कठोर प्रवर्तन, मजबूत कॉर्पोरेट जवाबदेही और स्थानीय विनियमन की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बिग टेक प्लेटफॉर्म संवैधानिक नैतिकता, विधि के शासन और नैतिक शासन की सीमाओं के भीतर कार्य करें।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:प्रश्न: औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के बावजूद, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर चिकित्सीय दावों के भ्रामक विज्ञापन विकसित हो रहे हैं। बिग टेक और सीमा-पार डिजिटल मीडिया के युग में भारतीय औषधि विज्ञापन कानूनों को लागू करने में विद्यमान चुनौतियों पर चर्चा कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) |
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