//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal December 14, 2024 05:15 49 0
हाल ही में, बेंगलुरु के एक एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न और कानूनी प्रावधानों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली। यह घटना कानून के दुरुपयोग को रोकने और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए लिंग-तटस्थ कानूनों की आवश्यकता को उजागर करता है।
हाल के मामले के मद्देनजर, कानूनी व्यवस्था में ऐसे सुधारों की आवश्यकता है जो दोनों लिंगों के लिए उचित व्यवहार प्रदान कर सकें। इसके अलावा यह सुनिश्चित कर सकें कि पुरुष और महिला दोनों को उत्पीड़न और अन्याय से बचाया जाए। लिंग-तटस्थ कानून बनाकर, गुजारा भत्ता कानूनों के दुरुपयोग को कम करके और यह सुनिश्चित करके कि झूठे आरोप या मुकदमों को दंडित किया जाना अनिवार्य है। इस प्रकार भारत अपने सभी नागरिकों के लिए अधिक न्यायपूर्ण और समतापूर्ण समाज की स्थापना कर सकता है।
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments