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Lokesh Pal September 26, 2024 05:00 85 0
हाल ही में कुछ व्यापारियों द्वारा अपने उत्पादों में मिलावट करने और ग्राहकों के विश्वास को तोड़ने के मामले देखे गए जिससे यह चर्चा में बने हुए हैं।
गाजियाबाद में एक चौंकाने वाली घटना के कुछ ही दिनों बाद, जहां एक जूस विक्रेता पर जूस में मूत्र मिलाने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर इलाके में एक और परेशान करने वाली घटना सामने आई है। जहाँ एक जूस विक्रेता पर उसके जूस उत्पाद में रसायन (chemicals) मिलाने के संदेह में हमला किया गया। घटनाओं की यह श्रृंखला हमारे समुदाय में “विश्वास की हत्या” का प्रतिनिधित्व करती है, जिसके परिणामस्वरूप हमारे घरों के बाहर हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन और पेय पदार्थों पर विश्वास में काफी कमी आई है। यदि ऐसी घटनाएं जारी रहती हैं, तो ग्राहक किसी भी स्रोत से भोजन और पेय खरीदने में सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे, चाहे वह सड़क विक्रेता हों या दुकानें। इस अविश्वास का प्रभाव अंततः सभी को नुकसान पहुंचाएगा, क्योंकि स्थानीय व्यवसाय और अन्य मालिक भय और संदेह के माहौल में जीवित रहने के लिए संघर्ष करेंगे। नतीजतन, कुछ व्यक्तियों के द्वारा किया गया ऐसा अमानवीय व अनैतिक कृत्य कई लोगों की आजीविका को खतरे में डाल सकते हैं। जिस पर व्यवस्था को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
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