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Lokesh Pal
December 18, 2025 05:00
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प्रवासी गतिशीलता (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2025 भारतीय श्रम प्रवासियों के बीच संस्थागत सुभेद्यता का जोखिम उत्पन्न करता है।
भारत के श्रम प्रवासी कोई उपभोग्य निर्यात नहीं हैं। विधेयक को तस्करी को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना चाहिए, गिग तथा उभरते कार्यों को शामिल करते हुए पुनर्एकीकरण के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराना चाहिए। यह समय सुदृढ़ीकरण की माँग करता है, न कि केवल सरलीकरण की – अन्यथा सुधार प्रणालीगत विफलता में बदल जाएगा।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नप्रश्न: प्रवासी गतिशीलता (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2025 बढ़ते विदेशी श्रम प्रवास के युग में भारत के उत्प्रवास ढाँचे में सुधार करना चाहता है। समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए, कि क्या यह विधेयक भारतीय प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों तथा कल्याण की पर्याप्त रूप से रक्षा करता है। (10 अंक, 150 शब्द) |
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