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Lokesh Pal
July 09, 2025 05:15
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भारत तेजी से शहरीकरण के दौर से गुजर रहा है। 2035 तक, 67.5 करोड़ लोग भारतीय शहरों में रहेंगे, जिसके 2045 तक 7 करोड़ तक बढ़ने का अनुमान है। निस्संदेह, शहर भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास के इंजन हैं, जिससे भविष्य की समृद्धि के लिए एक सुपरिभाषित शहरी कार्यसूची अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो जाती है।
भारत के समग्र विकास के लिए शहरी सुधार अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। जैसे-जैसे भारत 2045 की ओर बढ़ रहा है, उसका भविष्य वैध और सशक्त नागरिक संस्थाओं द्वारा समर्थित लचीले, कुशल और समावेशी शहरों पर निर्भर करेगा।
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