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Lokesh Pal January 07, 2025 05:45 17 0
हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय का कॉलेजियम अपनी न्यायिक नियुक्ति प्रक्रिया में उल्लेखनीय बदलावों पर विचार कर रहा है।
वर्तमान समय में, कॉलेजियम प्रणाली विरोधाभास का सामना कर रही है। जबकि न्यायपालिका की नियुक्तियों में वह प्रधानता रखती है, सरकार इस प्रक्रिया में देरी या बाधा डाल सकती है, जिससे न्यायिक प्राधिकार और कार्यपालिका के प्रभाव के बीच तनाव पैदा होने की संभावना है।
कॉलेजियम प्रणाली को प्रासंगिक और प्रभावी बने रहने के लिए, इसे नियमों के पारदर्शी ढांचे के भीतर काम करना होगा। उम्मीदवारों के साक्षात्कार और न्यायाधीशों के रिश्तेदारों को बाहर रखने जैसे सुधार सही दिशा में उठाए गए कदम हैं, लेकिन इनके बाद ठोस क्रियान्वयन और कानून का पालन होना चाहिए।
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