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Lokesh Pal
January 02, 2025 05:30
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मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (आंध्र प्रदेश) और एम. के. स्टालिन (तमिलनाडु) ने प्रस्तावित संसदीय परिसीमन का कड़ा विरोध किया है, चूँकि उनके अनुसार इससे दक्षिणी राज्यों का संसदीय प्रतिनिधित्व कम हो सकता है।
प्रजनन क्षमता में गिरावट सामाजिक प्रगति का एक स्वाभाविक परिणाम है, जो जीवन स्थितियों, शिक्षा और परिवार नियोजन तक पहुँच में सुधार दर्शाता है। इस प्रवृत्ति में परिवर्तन निम्नलिखित चुनौतियों को प्रदर्शित करता है:
वास्तविक समाधान कृत्रिम रूप से प्रजनन दर बढ़ाने के प्रयास में निहित नहीं है, बल्कि परिसीमन के दौरान राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने संबंधी प्रक्रियाओं को संशोधित करने में है। सामाजिक-आर्थिक विकास, शिक्षा और प्रजनन नियंत्रण सफलता जैसे कई कारकों पर विचार करके भारत, एक अधिक न्याय-संगत और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व प्रणाली निर्धारित कर सकता है, जो देश की विविध वास्तविकताओं को रेखांकित करती है।
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