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Lokesh Pal
December 25, 2025 05:15
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नये श्रम कानून, 2019 और 2020 ने चिंताएं बढ़ा दी हैं क्योंकि ये श्रमिकों, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के अधिकारों और कल्याण को कमज़ोर कर सकते हैं।
जैसा कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और बी.आर. अंबेडकर ने बल दिया है, “श्रम कोई वस्तु नहीं है।” कार्यबल के 90% हिस्से की गरिमा और सुरक्षा से समझौता करके वास्तविक आर्थिक विकास प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्नप्रश्न: व्यावसायिक सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के विशेष संदर्भ में, भारत में असंगठित क्षेत्र पर नये श्रम कानूनों के प्रभाव का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। ये कानून श्रम कल्याण प्रशासन की संघीय संरचना को किस सीमा तक चुनौती देते हैं? (15 अंक, 250 शब्द) |
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