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उत्तर कोरिया तथा अपशिष्ट प्रबंधन का मुद्दा

Lokesh Pal June 06, 2024 05:30 126 0

संदर्भ:

हाल ही में दक्षिण कोरिया ने वर्ष 2018 के शांति समझौते को निलंबित करते हुए इस बात का जिक्र किया है कि वह उत्तर कोरिया में दुष्प्रचार प्रसारण (Propaganda Broadcasts) को फिर से शुरू कर सकता है, क्योंकि प्योंगयांग ने दक्षिण कोरिया में कचरा और मानव अपशिष्ट ले जाने वाले हजारों की संख्या में बलूंस (Baloons) भेजे हैं।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: कोरियाई प्रायद्वीप का मानचित्र, 2018 शांति समझौता, जापान सागर। 

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के मध्य तनाव, एशिया में क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता पर उत्तर-दक्षिण कोरिया तनाव के निहितार्थ।

उत्तर कोरिया के उकसावे पर दक्षिण कोरिया की प्रतिक्रिया:

  • चेतावनी और योजनाबद्ध जवाबी कार्यवाही : दक्षिण कोरियाई सरकार ने उत्तर कोरिया को  जवाबी कार्यवाही की चेतावनी दी है।
    • 27 मई को उत्तर कोरिया द्वारा एक जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के असफल प्रयास के बाद से स्थिति काफी विगड़ गई।
  • आपातकालीन बैठक: प्रक्षेपण के कुछ ही समय के पश्चात उपग्रह को ले जा रहे रॉकेट के हवा में विस्फोट हो जाने के बाद, दक्षिण कोरिया की सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) ने उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए एक आपातकालीन समिति की बैठक बुलाई।
  • उत्तर कोरिया की उकसावे वाली कार्रवाइयाँ :
    • जीपीएस सिग्नल जाम करना: मई के आखिर से ही  उत्तर कोरिया ने कोरियाई प्रायद्वीप के पश्चिमी तट के एक बड़े क्षेत्र में जीपीएस सिग्नल जाम कर दिए । इसकी वजह से नागरिक हवाई और समुद्री यातायात को खतरा हो सकता है।
    • बैलिस्टिक मिसाइल और रॉकेट लॉन्चर: उत्तर कोरिया ने जापान सागर में 10 छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का परिक्षण किया। जापान सागर में 18 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चरों के भी परिक्षण किए गए।
    • चेतावनी: प्योंगयांग ने पश्चिमी तट से लगे हुए विवादित समुद्री सीमा के पास शिपिंग के विरोध में चेतावनी जारी की। इसमें दावा किया गया है कि उसने सीमा पार करके दक्षिण कोरिया में कचरा और मानव अपशिष्ट ले जाने वाले 2,000 गुब्बारे छोड़े हैं।
  • दक्षिण कोरिया पर प्रभाव: अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दक्षिण कोरिया में करीब 700 गुब्बारे उतरे। इससे मामूली क्षति हुई और लैंडिंग स्थलों पर मानव मल और कचरा फैल गया।
  • वक्तव्य और निर्णय: वरिष्ठ पीपीपी अधिकारी ने कहा कि उत्तर कोरिया को उकसावे की कार्रवाई के लिए “अनिवार्य रूप से कीमत चुकानी पड़ेगी” और उन्होंने प्योंगयांग से तत्काल माफी माँगने की माँग की।
    • सरकार ने दोनों कोरियाई देशों के मध्य आपसी विश्वास बहाल होने तक 2018 के अंतर-कोरियाई शांति समझौते को पूरी तरह से निलंबित करने का निर्णय लिया।

दक्षिण कोरिया का प्रोपेगैंडा प्रसारण का विचार:

  • संभावित प्रचार प्रसारण पुनः आरंभ: सियोल, विसैन्यीकृत क्षेत्र के निकट बड़े लाउडस्पीकरों से उत्तर कोरिया में प्रचार प्रसारण पुनः आरंभ कर सकता है।
    • वर्ष 2018 में प्रसारण बंद कर दिए गए थे, लेकिन उनके फिर से शुरू होने को एक वृद्धि के रूप में देखा जाएगा, क्योंकि उन्हें मनोवैज्ञानिक युद्ध माना जाता है। 
    • उत्तर कोरिया ने पहले भी स्पीकर साइटों को तोपखाने से निशाना बनाने की धमकी दी थी।
  • उत्तर कोरिया की प्रतिक्रिया: उत्तर कोरिया ने संकेत दिया कि यदि दक्षिण कोरिया प्रसारण पुनः शुरू नहीं करेगा तो वे गुब्बारे भेजना बंद कर देंगे।
    • इससे तनाव में अस्थायी राहत का संकेत मिलता है, हालाँकि आगे भी ऐसे घटनाक्रम की आशंका है।
  • संभावित सैन्य परिणाम : मौजूदा तनाव से संकेत मिलता है कि ‘किम जोंग उन’ अपने सैन्य अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।
    • व्यापक रूप से यह माना जाता है कि किम का लक्ष्य महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमेरिका पर हमला करने में सक्षम हथियार विकसित करना है।
    • ऐसा माना जा रहा है कि किम को ऐसे हथियार विकसित करने में रूस से सहायता मिल रही है।

रूसी समर्थन से उत्तर कोरिया का हौसला बढ़ा:

  • रूसी सहायता और हथियारों का आदान-प्रदान: अमेरिका ने चेतावनी दी है कि रूस हाइपरसोनिक मिसाइलों सहित उन्नत हथियार प्रौद्योगिकी विकसित करने में उत्तर कोरिया की सहायता कर रहा है। 
    • बदले में, उत्तर कोरिया यूक्रेन में चल रहे युद्ध के लिए रूस को तोपखाने के लिए गोले प्रदान करता है।
  • अंतरराष्ट्रीय आलोचना के विरुद्ध साहस में वृद्धि: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में रूस के समर्थन से, प्योंगयांग अधिक साहसी महसूस करता है। 
    • संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा उत्तर कोरिया के असफल उपग्रह प्रक्षेपण की निंदा करने पर , उत्तर कोरिया ने गुटेरेस को अमेरिका का “नौकर” कहकर जवाब दिया।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की गतिशीलता:प्रत्याशित रूसी वीटो के कारण उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नए प्रस्ताव की योजनाओं को छोड़ दिया गया। सुरक्षा परिषद वर्तमान में ऐसे मुद्दों पर पंगु है, जिससे उत्तर कोरिया को दंड से मुक्त होकर कार्य करने की अनुमति मिलती है।
  • रूसी समर्थन के निहितार्थ: रूस के समर्थन ने प्योंगयांग पर राजनीतिक और कूटनीतिक दबाव को कम कर दिया है। रूस ने प्रभावी रूप से उत्तर कोरिया को अंतरराष्ट्रीय परिणामों के डर के बिना अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए अपनी सहमती दे दी है।

संघर्ष का बढ़ता खतरा

  • मॉस्को का स्पष्ट समर्थन: किम जोंग उन को मॉस्को का स्पष्ट समर्थन प्राप्त है, जो उसे  दक्षिण कोरिया के संबंध में अपने पिता और दादा की नीतियों से अलग करता है।
  • उत्तर कोरियाई नीति में बदलाव: कोरियाई युद्ध जीतने में विफल रहने के बाद किम के पूर्ववर्तियों ने दक्षिण कोरिया से बेहतर प्रदर्शन करने का लक्ष्य रखा था। इस नीति में इस वर्ष की शुरुआत में बदलाव हुआ है।
  • आक्रामकता के लिए संभावित प्रेरणा: किम वर्तमान स्थिति या लंबे समय से चली आ रही यथास्थिति से असंतुष्ट होने के कारण आक्रामक तरीके से काम कर रहे हैं।
    • वह वैकल्पिक रणनीतियों के माध्यम से यथास्थिति को पलटने का प्रयास कर सकते हैं, जिसमें संभवतः सैन्य बल का प्रयोग भी शामिल है।
  • अन्य राष्ट्रों के साथ तुलना: किम का दृष्टिकोण चीन, रूस और ईरान की नीतियों के अनुरूप है, जो अमेरिका के नेतृत्व वाली उदार विश्व व्यवस्था को चुनौती देने के लिए बल का प्रयोग करते हैं।
    • ये देश मानवाधिकारों, खुली अर्थव्यवस्थाओं या शांतिपूर्ण विवाद निपटान को प्राथमिकता नहीं देते हैं, तथा बल प्रयोग को वैध विदेश नीति उपकरण के रूप में देखते हैं।
  • सतर्कता की आवश्यकता: उत्तर कोरियाई उकसावे की चिरपरिचित प्रकृति के बावजूद, दक्षिण कोरिया और उसके सहयोगियों को सतर्क रहना चाहिए।
    • उत्तर कोरिया द्वारा कचरे से भरे गुब्बारों का उपयोग दक्षिण कोरिया की वायु रक्षा प्रणाली का परीक्षण करने तथा कमजोरियों की जाँच करने के लिए भी किया जाता है।
  • सैन्य निहितार्थ: भावनात्मक रूप से अपरिपक्व प्रतीत होने के बावजूद, गुब्बारे एक सामरिक उद्देश्य की पूर्ति करते हैं। वे उत्तर कोरिया को रडार कवरेज की खामियों का पता लगाने और दक्षिण कोरिया के जवाबी सैन्य हमलों की तत्परता और क्षमता का अनुमान लगाने में सक्षम बनाते हैं।

निष्कर्ष: निष्कर्षस्वरुप रूसी समर्थन से समर्थित उत्तर कोरिया की बढ़ती उकसावे की कार्रवाइयों के कारण स्थिरता बनाए रखने और संभावित सैन्य खतरों का मुकाबला करने के लिए दक्षिण कोरिया से सतर्क और रणनीतिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न :

जीएस-02: विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव।

प्रश्न : उत्तर कोरिया द्वारा दक्षिण कोरिया के खिलाफ हाल ही में की गई उकसावे की कार्रवाई तनाव को बढ़ा सकती है और अंतर-कोरियाई संबंधों को अस्थिर कर सकती है, जिससे एशिया में क्षेत्रीय सुरक्षा और गतिशीलता प्रभावित हो सकती है। चर्चा करें। (15 अंक, 250 शब्द)

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