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                         Lokesh Pal
Lokesh Pal
                         October 25, 2025 05:00
October 25, 2025 05:00
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हरियाणा के दो पुलिसकर्मियों की हालिया आत्महत्याओं ने पुलिस बल के भीतर जातिगत भेदभाव और भ्रष्टाचार की बुराइयों पर चर्चा को पुनः आरंभ कर दिया है।
वास्तविक सुधार नेतृत्व में योग्यता, पारदर्शिता और नैतिक साहस को बहाल करने में निहित है – यह सुनिश्चित करना कि न तो जाति और न ही भ्रष्टाचार भारतीय पुलिस व्यवस्था के मार्ग को निर्धारित करे।
| मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:प्रश्न: संवैधानिक सुरक्षा उपायों के बावजूद, शिक्षित और नौकरशाह वर्गों में भी जाति-आधारित पूर्वाग्रह बने हुए हैं। भारत में शहरी और व्यावसायिक क्षेत्रों में जातिगत भेदभाव के बने रहने का मूल्यांकन कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) | 
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