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Lokesh Pal
August 16, 2025 05:30
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से लगातार 12वें स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए अपने संबोधन में न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया, बल्कि देश के लिए सांप्रदायिक रंगत वाले जनसांख्यिकीय खतरे पर भी जोर दिया।
इस प्रकार प्रधानमंत्री के संबोधन ने भारत के भविष्य के लिए एक व्यापक खाका प्रस्तुत किया, जिसमें महत्वाकांक्षी आर्थिक और तकनीकी लक्ष्यों को राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक स्वायत्तता के प्रति मजबूत प्रतिबद्धताओं के साथ संतुलित किया गया।
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