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‘RCEP माइनस चाइना’ (RCEP Minus China) रणनीति

Lokesh Pal December 29, 2025 05:30 5 0

संदर्भ:

भारत और न्यूज़ीलैंड ने एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ता संपन्न की है। इस FTA के सक्रिय होने के बाद, चीन को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) देशों के साथ भारत के व्यापारिक समझौते होंगे।

क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) के बारे में:

क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) आसियान (ASEAN) देशों और उनके पाँच FTA भागीदारों के बीच एक ‘मेगा’ मुक्त व्यापार समझौता है।

  • संरचना: RCEP 15 देशों का एक व्यापारिक ब्लॉक है। इसमें 10 आसियान (ASEAN) सदस्य देश शामिल हैं— ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम— इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूज़ीलैंड भी इसके सदस्य हैं।

क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) से भारत के बाहर निकलने के कारण:

  • रणनीतिक सामंजस्य की कमी: भारत ने बैंकॉक शिखर सम्मेलन (नवंबर 2019) में कहा था कि RCEP समझौता खासकर व्यापार में निष्पक्षता और राष्ट्रीय हितों के मामले में अपने मार्गदर्शक सिद्धांतों का पालन नहीं करता है।
  • आयात शुल्क मुक्त चीन के सामान का जोखिम: चीनी उत्पाद वियतनाम जैसे अन्य RCEP देशों के मार्ग से, बहुत कम प्रसंस्करण या रीलेबलिंग के साथ भारत में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे आयात शुल्क लगाना मुश्किल हो जाएगा।
  • चीनी वस्तुओं की बाढ़ का खतरा: चीन के साथ FTA का अर्थ होगा टैरिफ (Taxes) को घटाकर शून्य करना, जिससे चीनी वस्तुओं को भारतीय बाजार में भारी मात्रा में आने की अनुमति मिल जाती।
  • घरेलू उद्योग पर प्रतिस्पर्धी दबाव: विशेषज्ञों के अनुसार, चीनी मैन्युफैक्चरिंग बहुत कुशल और कम लागत वाली है, जिससे आयात डंपिंग का खतरा पैदा होता है, जिससे स्टील, इंजीनियरिंग और MSMEs जैसे भारतीय उद्योग शायद प्रतिस्पर्धी नहीं रह जाएँगें।
  • संभावित औद्योगिक प्रभाव: सुरक्षात्मक टैरिफ के बिना, घरेलू कंपनियाँ अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता खो सकती हैं, जिससे कारखाने बंद हो सकते हैं और रोजगार संकट उत्पन्न हो सकता है।

मुक्त व्यापार समझौता (FTA) बनाम एशिया प्रशांत व्यापार समझौता (APTA):

  • मुक्त व्यापार समझौता (FTA): इसके तहत अधिकांश मदों पर टैरिफ या कर घटाकर शून्य कर दिए जाते हैं। ऐसे समझौतों के परिणामस्वरूप भागीदार देश की वस्तुओं का भारतीय बाजार में अत्यधिक प्रवाह होता है।
    • इसका एक उदाहरण भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) है।
  • एशिया प्रशांत व्यापार समझौता (APTA): इसमें अधिमानी व्यापार की सुविधा दी जाती है, लेकिन यह प्राथमिकता सीमित होती है। इस समझौते के तहत, कम टैरिफ केवल कुछ चुनिंदा मदों पर ही लागू होते हैं।
    • भारत के लिए मुख्य लाभ यह है कि टैरिफ में कटौती सीमित होने के कारण करों पर उसका नियंत्रण बना रहता है।
    • उदाहरण: भारत और चीन वर्तमान में एशिया प्रशांत व्यापार समझौते ( APTA) के हस्ताक्षरकर्ता हैं।

‘RCEP माइनस चाइना’ रणनीति:

  • मूल विचार: भारत ने RCEP के 15 सदस्यों में से 14 के साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (FTAs) किए हैं, जबकि जानबूझकर चीन को एक पूर्ण FTA से बाहर रखा है। इससे भारत ने अपनी टैरिफ संप्रभुता को बरकरार रखा है और घरेलू नीतिगत अवसरों को संरक्षित किया है।
  • जोखिम प्रबंधन: इस दृष्टिकोण को “स्मार्ट जोखिम प्रबंधन” के रूप में वर्णित किया गया है। संवेदनशील क्षेत्रों (जैसे डेयरी, स्टील) को बाहर रखते हुए RCEP के 14 सदस्यों के साथ द्विपक्षीय FTA पर हस्ताक्षर करके और चीन को एक संकीर्ण APTA ढाँचे तक सीमित करके, भारत ने टैरिफ नियंत्रण रखते हुए बाजार तक पहुँच सुनिश्चित की है।

हालिया और जारी व्यापार समझौते:

  • भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA): भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता दिसंबर, 2022 में प्रभावी हुआ।
    • यह ‘आरंभिक बढ़त’ हेतु समझौता था, और इसके दायरे का विस्तार करने के लिए वार्ता जारी है।
  • भारत-न्यूज़ीलैंड मुक्त व्यापार समझौता (FTA): न्यूज़ीलैंड (अंतिम गैर-चीनी RCEP देश) के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता 22 दिसंबर, 2025 को संपन्न हुई।

निष्कर्ष:

घरेलू अर्थव्यवस्था को ‘असममित प्रतिस्पर्धा’ के जोखिम में डालने वाली व्यापक प्रतिबद्धताओं के विपरीत भारत का दृष्टिकोण व्यापार नीति में नियंत्रित उदारीकरण और रणनीतिक स्वायत्तता के प्रति प्राथमिकता को दर्शाता है।

मुख्य परीक्षा अभ्यास

प्रश्न. न्यूज़ीलैंड के साथ हाल ही में संपन्न मुक्त व्यापार समझौते के संदर्भ में भारत की ‘RCEP माइनस चाइना’ रणनीति का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। यह द्विपक्षीय दृष्टिकोण व्यापार घाटे और उद्गम के नियमों के संबंध में भारत की चिंताओं को कैसे संबोधित करता है, साथ ही हिन्द-प्रशांत अर्थव्यवस्था के साथ एकीकरण कैसे सुनिश्चित करता है?

(15 अंक, 250 शब्द)

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