100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत द्वारा अमेरिका पर प्रतिशोधात्मक टैरिफ लगाने की कोशिश का कारण

Lokesh Pal May 23, 2025 05:15 29 0

संदर्भ:

भारत ने अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर नए शुल्क लगाने के बाद अमेरिकी आयात पर जवाबी शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। भारत का यह प्रतिशोधात्मक कदम वैश्विक व्यापार में भारत की आक्रामक नीति को दर्शाता है और उसके राष्ट्रीय आर्थिक एवं रणनीतिक हितों के अनुरूप है।

शुल्क तनाव की पृष्ठभूमि:

  • अमेरिका द्वारा पुनः शुल्क लागू करना: अमेरिका ने मार्च 2024 में स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25% शुल्क फिर से लागू कर दिया।
  • छूट न देना: इस बार किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई है, जबकि पहले के चरणों में छूट दी गई थी।
  • मुख्य उद्देश्य: शुल्क लगाने का मुख्य उद्देश्य घरेलू उद्योग को अनुचित व्यापार प्रथाओं और अधिक उत्पादन क्षमता से बचाना है।

भारत की प्रतिक्रिया

  • भारत की WTO को सूचना: भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) को सूचित किया कि वह 7.6 अरब डॉलर मूल्य के अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाने की योजना बना रहा है।
  • अनुमानित शुल्क प्रभाव: शुल्कों का अनुमानित प्रभाव 1.91 अरब डॉलर का है, जो भारतीय निर्यात को हुई क्षति के बराबर है।
  • प्रभावी तिथि: ये उपाय सूचना दिए जाने के 30 दिन बाद, अर्थात 9 मई से प्रभावी हो गए हैं।

ऐतिहासिक संदर्भ

  • ट्रम्प शासनकाल के प्रमुख शुल्क (2018): 2018 में ट्रंप सरकार ने इसी तरह के शुल्क लगाए थे, जो कि स्टील पर 25%, एल्युमीनियम पर 10% थे।
  • जीएसपी (GSP) हटाना और जवाबी कार्रवाई: अमेरिका ने 2019 में भारत को सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (GSP) से बाहर कर दिया था, जिससे भारत ने 28 अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी शुल्क लगाए।
  • दायरे का विस्तार: 2020 में इन शुल्कों का विस्तार धातु से संबंधित उत्पादों को भी शामिल करने तक किया गया।
  • बिडेन युग में राहत: हालांकि पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन के कार्यकाल (2021-23) में शुल्कों में कुछ राहत दी गई, जिसके तहत भारत ने भी पारस्परिक उपाय किए।
  • शुल्क पुनः लागू (2025): 2025 में डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में, वापसी के साथ ही ये शुल्क दोबारा लागू किए गए।

विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत का दृष्टिकोण

  • अमेरिका का कानूनी आधार: अमेरिका ने शुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT) 1994 और सुरक्षा उपायों पर समझौते (AoS) के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा अपवाद का हवाला दिया।
  • अंतर्राष्ट्रीय विरोध: हालांकि भारत सहित यूरोपीय संघ (EU), चीन, और ब्रिटेन ने अमेरिका के दावों को, यह तर्क देते हुए खारिज किया कि अनिवार्य परामर्श को दरकिनार किया गया।
  • भारत का जवाबी अधिकार: भारत द्वारा इसकी प्रतिक्रिया में रियायतों को निलंबित करने का अधिकार सुरक्षित रखा है।

भारतीय उद्योगों पर प्रभाव

  • निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता पर प्रभाव: 2018 में लगाए गए शुल्कों के कारण भारतीय निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता कम हो गई है।
  • स्टील निर्यात में गिरावट: वित्त वर्ष 2020 में अमेरिका को स्टील निर्यात में 48.4% और वित्त वर्ष 2021 में 46.7% की गिरावट दर्ज की गई।
  • बाजार हिस्सेदारी में कमी: भारत के स्टील निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 3.3% से घटकर 2.5% रह गई।
  • निर्यात में सुधार (वित्त वर्ष 2025): वित्त वर्ष 2025 के आँकड़ों के अनुसार, निर्यात में 44.21% की वृद्धि हुई (अस्थायी आंकड़ा), जो वित्त वर्ष 2024 की 42.3% गिरावट की भरपाई कर रहा है।

उद्योग एवं नीतिगत प्रतिक्रियाएं

  • वैश्विक अस्थिरता की चेतावनी: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने अमेरिकी संरक्षणवाद के कारण वैश्विक अस्थिरता की चेतावनी दी है।
  • अमेरिकी फेड का विश्लेषण: 2019 की फेड रिपोर्ट में न्यूनतम रोजगार वृद्धि का उल्लेख किया गया, लेकिन इनपुट लागत में वृद्धि और टैरिफ से प्रतिशोधात्मक क्षति को भी दर्शाया गया है।
  • भारत की वैश्विक छवि: ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने भारत को एक नियम आधारित, बहुपक्षीय रक्षा करने वाले देश के रूप में मान्यता दी है।
  • घरेलू उद्योगों का समर्थन: एल्युमीनियम सेकेंडरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ASMA) ने अपने उद्योगों की रक्षा के लिए भारत के आक्रामक रुख का समर्थन किया है।

आगे की राह

  • संभावित जवाबी शुल्क: यदि अमेरिका बातचीत में विफल रहता है तो भारत को जून तक अपनी ओर से जवाबी शुल्क लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए।
  • कूटनीतिक समाधान: अमेरिका द्वारा शुल्क हटाना या परामर्श प्रक्रिया शुरू करना तनाव को बढ़ने से रोक सकता है।
  • रणनीतिक बदलाव: भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) के माध्यम से और नियंत्रित जवाबी कार्रवाई को रणनीतिक उपकरण के रूप में अधिक उपयोग कर रहा है।

निष्कर्ष

अमेरिकी टैरिफों पर भारत की संतुलित और सख्त प्रतिक्रिया उसके रणनीतिक दृष्टिकोण में आए परिवर्तन को दर्शाता है। भारत कानूनी माध्यमों और आर्थिक जवाबी कार्रवाई के रणनीतिक कदम के साथ न केवल निष्पक्ष व्यापार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि अपने राष्ट्रीय हितों और औद्योगिक सशक्तीकरण की भी प्रभावी रूप से रक्षा करता है।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

प्रश्न. भारत और अमेरिका के बीच बार-बार होने वाले टैरिफ विवादों का द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के भविष्य पर क्या प्रभाव डाल सकता है, इसका मूल्यांकन कीजिए। दोनों देश, बिना स्वतंत्र और निष्पक्ष व्यापार की भावना को क्षति पहुँचाए, किस प्रकार से अपने मतभेदों को सुलझा सकते हैं? चर्चा कीजिए।

(15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.