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Lokesh Pal November 08, 2024 05:45 37 0
भारत में बढ़ती उम्र की आबादी का मुद्दा और भी गंभीर होता जा रहा है, क्योंकि जनसांख्यिकीय रुझानों में क्षेत्रीय असमानताएं विद्यमान हैं।
यह ध्यान रखना आवश्यक है कि भारत की प्रजनन दर में ये हालिया गिरावट मुख्य रूप से सामाजिक-आर्थिक कारकों के कारण है, न कि दबावपूर्ण उपायों या सरकारी प्रोत्साहनों के कारण।
भारत की घटती प्रजनन दर के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें शामिल हैं:
रोजगार के अवसरों से प्रेरित प्रवासन टकराव पैदा कर सकता है, क्योंकि स्थानीय लोग प्रवासी श्रमिकों की आमद से असन्तुष्ट हो सकते हैं। यह तनाव अक्सर “भूमिपुत्रों” और प्रवासियों के बीच संघर्ष को जन्म देता है।
अतः भारत को वृद्ध होती जनसंख्या की चुनौतियों के प्रबंधन के लिए जन्म-समर्थक नीतियों पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय अधिक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। एक संतुलित दृष्टिकोण असमानता को समाप्त करके देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है ।
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