100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

एआई का विनियमन: भारत संतुलित ढाँचे के लिए जापान की ओर उन्मुख हो सकता है

Lokesh Pal June 21, 2024 05:00 127 0

संदर्भ

वर्ष 1991 में, भारत सरकार ने अपने पूर्वी पड़ोसि देशों तथा दक्षिणपूर्व एशिया के साथ व्यापक आर्थिक एवं रणनीतिक संबंध स्थापित करने  के लिए लुक ईस्टनिति की घोषणा की।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: डीपफेक, 2023 जी7 शिखर सम्मेलन, यूरोपीय संघ का एआई अधिनियम, वृहत भाषा मॉडल (LLM), आदि।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: जापान का संतुलित एआई नियामक ढाँचा, भारत कीलुक ईस्टनीति, भारत एआई मिशन, आदि।

एआई का विनियमन:

  • यह पारंपरिकपश्चिमोन्मुखदृष्टिकोण से भिन्न था, जिसमें हम यूरोप और उत्तरी अमेरिका से सीखने की कोशिश करते थे।
  • चूँकि, अब एआई का युग गया है, इसलिए भारत इस बात पर विचार कर रहा है कि वह इस शक्तिशाली नई तकनीक को किस प्रकार बढ़ावा दे और उसका विनियमन करे, जो उद्योग, समाज और भूराजनीति को नया आकार दे सकती है।
  • एआई से बड़े आर्थिक और सामाजिक लाभ का वादा किया गया है, लेकिन कॉपीराइट, मानवाधिकार उल्लंघन, गोपनीयता और निष्पक्षता को लेकर चिंताएं भी हैं।
  • उदाहरण के लिए, डीपफेक का मुद्दा हाल के चुनावों में छाया रहा, जिससे लोकतंत्र के समाप्त होने का भय पैदा हो गया।
  • क्या भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को विनियमित करने के लिए पश्चिम में यूरोपीय संघ और उसके कृत्रिम बुद्धि अधिनियम की ओर देखना चाहिए या अमेरिका और ब्रिटेन की ओर देखना चाहिए, जो अधिक बड़ी प्रौद्योगिकीअनुकूल व्यवस्थाओं पर विचार कर रहे हैं?
  • वस्तुतः भारत को अपने पूर्व की ओर देखो’ दृष्टिकोण को वापस लाना चाहिए तथा एक अन्य बड़े लोकतंत्र, जापान से सीखना चाहिए– 
    • जो शांतिपूर्वक एआई के विनियामक की व्यवस्था का निर्माण कर रहा है। 
    • जो समाज में एआई को सुरक्षित रूप से एकीकृत करने की आवश्यकता तथा नवाचार के लिए वातावरण के निर्माण के मध्य संतुलन स्थापित करता है।
    • जापान एआई को एक ऐसे माध्यम के रूप में देखता है जिसके माध्यम से वह अपने नवाचार और तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र में दशकों के ठहराव को दूर कर सकता है।
  • इसी प्रकार, एआई भारत को वर्ष 2047 तकविकसित भारत’ बनने के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन दे सकता है।
  • जापान ने वर्ष 2023 के जी-7 शिखर सम्मेलन का प्रभावी ढंग से लाभ उठाया, जहाँ हिरोशिमा एआई प्रक्रिया ने एआई को विनियमित करने के लिए विभिन्न रूपरेखाओं की खोज करने का स्पष्ट आह्वान किया।
  • यह कोई संयोग नहीं था कि यह शिखर सम्मेलन हिरोशिमा में हुआ, जो इस बात की स्पष्ट चेतावनी थी कि यदि प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग किया गया तो क्या हो सकता है।
  • दो बुनियादी दृष्टिकोण: एक कठोर कानूनआधारितदृष्टिकोण जिसमें सख्त दायित्व शामिल हैं, जैसा कि यूरोपीय संघ के एआई अधिनियम और चीनी विनियमन से स्पष्ट है वहीं दूसरी ओर लचीले कानूनआधारितदृष्टिकोण, जो गैरबाध्यकारी मार्गदर्शन और सिद्धांतों पर जोर देता है। जापान बाद वाले दृष्टिकोण की ओर झुका हुआ है।
  • सरकार एक सुविधाप्रदाता के रूप में: एआई, प्रौद्योगिकियों का एक जटिल पारिस्थितिकी तंत्र है और जापानी सरकार नवाचार का एकमात्र निर्माता होने के बजाय सुविधाप्रदाता बनना पसंद करती है।
    • यह निजी क्षेत्र को प्राथमिक चालक के रूप में स्वीकार करता है तथा उनकी सहायता के लिए अपने प्रशासनिक संस्थानों को सक्रिय करता है।
    • उदाहरण के लिए, जापान के विदेश मंत्रालय ने हिरोशिमा प्रक्रिया का समन्वय किया तथा उसका सांस्कृतिक मामलों का मंत्रालय कॉपीराइट मुद्दों पर विचार कर रहा है।
    • यह भारत के लिए अपनाने योग्य एक आदर्श प्रारूप है।
    • सरकार को निजी प्रौद्योगिकी क्षेत्र को भारतीय प्रयासों के केंद्र में रखना चाहिए तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, विधि तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों को इसमें सक्षम भूमिका निभानी चाहिए।
  • केंद्रित वित्तपोषण और निवेश: जापान ने जनरेटिव एआई, घरेलू डेटा केंद्रों और स्थानीय चिप उत्पादन के लिए एक बड़ा कोष बनाया है।
    • यह क्लाउड कंप्यूटिंग प्रदाताओं और तकनीकी कंपनियों के साथ साझेदारी में प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करता है।
    • भारत में भी इसी प्रकार का एक कोष है, जिसे भारत एआई मिशन’ के हिस्से के रूप में स्थापित किया गया है।
    • लेकिन अंतर यह है कि भारतीय वित्तपोषण का अधिकांश हिस्सा विकेंद्रित नवाचार (जापान की तरह) के बजाय केंद्रीय स्तर पर प्रोसेसिंग यूनिट्स की खरीद के लिए उपयोग किया जा रहा है।
  • प्रभावी सरकारअकादमिकउद्योग सहयोग: एआई जापान आरएंडडी नेटवर्क विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, निजी क्षेत्र और वैश्विक तकनीकी कंपनियों के साथ मिलकर एआई अनुसंधान और कंपनियों पर नीतियाँ सुझाने का कार्य करता है।
    • भारत भी कुछ ऐसा ही कर रहा है; हमारे पास पहले से ही आईआईटी और आईआईएससी, एक मजबूत निजी क्षेत्र और मजबूत वैश्विक तकनीकी उपस्थिति है।
  • घरेलू क्षमता का निर्माण: जापान अपना स्वयं का एक वृहत भाषा मॉडल (LLM) बनाने के लिए विचार कर रहा हैभारत में ऐसे कई मॉडल बनाए जा रहे हैं और सरकारी सहायता से उन्हें काफी लाभ होगा।
    • हमें आधार और यूपीआई जैसी पहलों के साथ नागरिककेंद्रित प्रौद्योगिकी के निर्माण में भी विशेषज्ञता प्राप्त है।
    • इसी प्रकार का मॉडल GenAI को सार्वजनिक वस्तु के रूप में निर्मित करने में सहायक हो सकता है।
  • महत्त्वपूर्ण तर्क: पश्चिमी और पूर्वी समाज गोपनीयता और डेटा उपयोग जैसे मौलिक सामाजिक मुद्दों के प्रति अपने दृष्टिकोण में काफी भिन्न हैं।
    • कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हुए एक शोध के अनुसार गोपनीयता के संबंध में पश्चिमी धारणा-अकेले रहने का अधिकार‘, पूर्वी धारणा-सामूहिक या सामाजिक गोपनीयतासे काफी भिन्न है।
  • एआई, परिवर्तनकारी और अपरिहार्य दोनों:  चूँकि यह उद्योग, समाज, मानवता और वैश्विक व्यवस्था को आकार देता है, इसलिए विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला देश इस संदर्भ में पीछे नहीं रह सकता।
  • अन्य देश इस संदर्भ में ढाँचे स्थापित करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं अतः भारतीय नीति निर्माताओं को भी इस दिशा में तत्परता से आगे बढ़ाने की जरूरत है।
  • ऐसा करते समय, उन्हें जापान से सीख लेने की आवश्यकता है, जिसकी सांस्कृतिक विशेषताएँ उनके समक्ष हैं तथा उन्हें एक कठोर दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है जो नवाचार एवं विनियमन के मध्य संतुलन स्थापित करता हो।

निष्कर्ष

निष्कर्षतः भारत को जापान के संतुलित एआई विनियामक ढाँचे को अपनाना चाहिए, जिसमें सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नवाचार पर बल दिया जाना चाहिए साथ ही वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लिए सरकारउद्योग सहयोग तथा घरेलू क्षमता का लाभ उठाना चाहिए। 

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न:

प्रश्न: यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान के एआई विनियामक दृष्टिकोणों की तुलना करें। भारत को नवाचार और विनियमन को प्रभावी ढंग से संतुलित करने के लिए इन दृष्टिकोणों के किन पहलुओं को अपनाने पर विचार करना चाहिए? (15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.