100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

नियामक निकायों का विनियमन: विविधता सुधार सिद्धांत के कमजोर होने की संभावना

Lokesh Pal March 29, 2025 05:00 12 0

उद्धरण 

देशद्रोह और देशभक्ति के बीच का अंतर केवल तारीखों का मामला है।  (The difference between treason and patriotism is only a matter of dates .)

                                                  —  एलेक्जेंडर डुमास

संदर्भ:

नियामक निकाय निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करते हैं, लेकिन बढ़ते राजनीतिक प्रभाव का सामना करते हैं, स्वतंत्रता के लिए तत्काल सुधार की मांग करते हैं।

नए आर्थिक सुधार (एनईपी) 1991:

  • उदारीकरण (Liberalization): लाइसेंस राज के उन्मूलन ने निजी कंपनियों को अधिक स्वतंत्रता दी, जिससे निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा मिला।
  • निजीकरण (Privatization): सरकार ने निजी क्षेत्र को उन उद्योगों में प्रवेश की अनुमति दी, जिन पर पहले राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों का एकाधिकार था।
  • वैश्वीकरण (Globalization): भारत की अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सीमा पार आर्थिक एकीकरण में वृद्धि हुई।
  • नीति और विनियमन पृथक्करण: इस नीति के माध्यम से सरकार को नीति निर्धारण का काम सौंपा गया, जबकि विशिष्ट नियमों के माध्यम से उन नीतियों को लागू करने के लिए स्वतंत्र नियामक बनाए गए।
    • यह दृष्टिकोण दूरसंचार, बीमा, हवाईअड्डे और बिजली जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया गया।

दूरसंचार क्रांति और ट्राई

  • 1990 के दशक से पहले: 1990 के दशक से पहले, भारत में दूरसंचार क्षेत्र पूरी तरह से सरकार द्वारा नियंत्रित था, जिसमें बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) और एमटीएनएल (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड) प्रमुख अभिकर्ता थे।
  • 1994: एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसी प्रमुख कंपनियों ने बाजार में प्रवेश किया, जिससे दूरसंचार क्रांति की शुरुआत हुई और उपभोक्ताओं के लिए सेवा की पहुंच और विकल्पों का विस्तार हुआ।
  • ट्राई का गठन: नए बाजार की गतिशीलता को विनियमित करने और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने 1997 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की स्थापना की।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के कार्य:

  • निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना: ट्राई दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनाए रखने के लिए काम करता है, किसी भी एकाधिकार या प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को रोकता है।
  • उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करना: ट्राई की प्रमुख भूमिकाओं में से एक यह सुनिश्चित करना है कि दूरसंचार ऑपरेटरों से गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करके उपभोक्ता हितों की रक्षा की जाए।
  • मूल्य निर्धारण को विनियमित करना: ट्राई दूरसंचार सेवाओं के मूल्य निर्धारण को विनियमित करने के लिए भी जिम्मेदार है। इसके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि उपभोक्ताओं से उन्हें प्राप्त सेवाओं के लिए उचित और अनुकूल दरें ली जाएँ।

विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित प्रमुख विनियामक

  • सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) : सेबी शेयर बाजार को विनियमित करने और उसकी निगरानी करने के लिए जिम्मेदार है।
  • आईआरडीएआई (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण): आईआरडीएआई भारत में बीमा उद्योग की देखरेख और विनियमन करता है, इसकी वृद्धि, स्थिरता और उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करता है।
  • सीईआरसी (केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग): सीईआरसी भारत में बिजली बाजार को नियंत्रित करता है, कुशल मूल्य निर्धारण, बिजली की आपूर्ति और ट्रांसमिशन और उत्पादन दोनों के लिए टैरिफ का विनियमन सुनिश्चित करता है।
  • सीसीआई (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग): सीसीआई को एकाधिकार, कार्टेल और बाजार प्रभुत्व के दुरुपयोग जैसे प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को रोककर बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदाई बनाया गया है।

विनियमन निकायों के सशक्तीकरण हेतु प्रभावी उपाय  

  • स्वतंत्रता बहाल करना : हितों के टकराव को रोकने और निष्पक्ष निर्णय लेने की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए नियामकों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद के प्रतिबंध को बहाल किया जाना चाहिए।
  • मिश्रित नेतृत्व सुनिश्चित करना : नियामक निकायों में एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए उद्योग विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों और कानूनी पेशेवरों सहित समावेशी नेतृत्व की भावना का विकास करना।
  • राजनीतिक हस्तक्षेप को कम करना : यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नियामक राजनीतिक ताकतों के अनुचित प्रभाव के बिना स्वतंत्र निर्णय ले सकें, ताकि संरचनात्मक व्यवस्था की विश्वसनीयता और तटस्थता बनी रहे।
  • सार्वजनिक जवाबदेही में सुधार करना : नियामकों को सार्वजनिक जांच सुनिश्चित करने, पारदर्शिता बढ़ाने और जवाबदेही को मजबूत करने के लिए सीधे संसद को रिपोर्ट करना चाहिए।
  • पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया सुनिश्चित करना : नियामक प्रमुखों के चयन के लिए एक स्पष्ट, निष्पक्ष प्रक्रिया स्थापित की जानी चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि नियुक्तियाँ राजनीतिक प्रभाव के बजाय योग्यता और क्षमता के आधार पर की जाती हैं।

नियामकों पर एक महत्त्वपूर्ण अंतर्दृष्टि 

  • निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन : 1991 के बाद के आर्थिक सुधारों ने भारत की अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र की भूमिका को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दिया।
  • नियामकों की भूमिका: नियामकों की भूमिका इसलिए आवश्यक है कि इनके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि निजी क्षेत्र के अभिकर्ता निष्पक्ष रूप से काम करें और दुरुपयोग को रोकने में सहायक हो सकें।
  • नियामकों की समस्या: प्रारंभ में, नियामक स्वतंत्र थे, लेकिन समय के साथ, आईएएस अधिकारियों ने नियामक निकायों पर तेजी से अपना दबदबा बनाने का प्रयास किया जो इनके कार्यान्वयन में सबसे बड़ी बाधा  है।
  •  उपभोक्ता कल्याण को नुकसान : जब नियामक उन क्षेत्रों से प्रभावित होते हैं जिनकी देखरेख करने के लिए उन्हें नियुक्त किया जाता है, तो नियामकीय कब्ज़ा प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता कल्याण को नुकसान पहुंचा सकता है।

निष्कर्ष: 

यद्यपि एक संतुलित और प्रभावी नियामक वातावरण बनाए रखने के लिए निष्पक्ष, स्वतंत्र और विशेषज्ञ-आधारित विनियमन की तत्काल आवश्यकता है।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न 

प्रश्न. भारत में विनियामक निकायों की स्वायत्तता के महत्व पर चर्चा करें। विनियामक संस्थाओं के प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त सिविल सेवकों की नियुक्ति की प्रवृत्ति ने उनकी स्वतंत्रता और प्रभावशीलता को कैसे प्रभावित किया है इस पर प्रकाश डालते हुए समझाइए कि इस मुद्दे को हल करने के लिए किन सुधारों की आवश्यकता है? 

(15 अंक, 250 शब्द))

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.