//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal October 17, 2024 05:30 66 0
तृतीय-पक्ष मुकदमेबाजी वित्तपोषण (टीपीएलएफ) न्याय तक आसान पँहुच की एक पुनर्कल्पना है। यह एक नवीन दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है जो एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम है, जो संभावित रूप से उन लोगों के लिए न्यायालय के दरवाजे खोल सकता है जो स्वयं को बाहर महसूस करते थे।
उदाहरण के लिए, ओडिशा के आदिवासी ग्रामीण एक बड़ी औद्योगिक कंपनी से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं जो उनके पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रही है। उनके सभी तर्क मज़बूत और विचारणीय हैं , लेकिन उनके पास लड़ने के लिए उपयुक्त संसाधन या वित्त का अभाव हैं।
थर्ड-पार्टी लिटिगेशन फंडिंग, भारत में न्याय तक पहुंच को बेहतर बनाने के लिए एक नवाचारी व आशाजनक विकल्प प्रदान करता है। एक सुव्यवस्थित व विनियमित न्यायिक ढांचा अधिकारों की रक्षा कर सकता है, साथ ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि वित्तीय नवाचार न्यायिक अखंडता से समझौता न करें।
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments