100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत में अनुसंधान आधारित समस्याएँ तथा NIRF इंडिया रैंकिंग-2025

Lokesh Pal September 09, 2025 05:30 94 0

संदर्भ:

राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) के तहत इंडिया रैंकिंग (IR)-2025, पारंपरिक सार्वजनिक संस्थानों के प्रभुत्व की पुष्टि करती है। विस्तारित दायरे और भागीदारी के बावजूद, मापदंडों, समावेशिता और व्यावहारिक उपयोगिता को लेकर चिंताएँ बनी हुई हैं।

NIRF रैंकिंग के बारे में:

  • राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा भारत में उच्चतर शिक्षा संस्थानों को रैंक प्रदान करने के लिए प्रतिवर्ष जारी की जाने वाली एक रैंकिंग पद्धति है।
  • मापदंड: संस्थानों का मूल्यांकन पाँच प्रमुख मापदंडों के आधार पर किया जाता है: शिक्षण, अधिगम और संसाधन (30%), अनुसंधान और पेशेवर अभ्यास (30%), स्नातक परिणाम (20%), आउटरीच और समावेशिता या OI (10%) तथा सहकर्मी धारणा (10%)
  • क्षेत्र विस्तार: 2016 में इसकी स्थापना के बाद से, भाग लेने वाले संस्थानों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, 3,565 से 14,163 तक और दायरा चार श्रेणियों से बढ़कर 17 हो गया है, जो उच्चतर शिक्षा क्षेत्रों की एक विस्तृत शृंखला को शामिल करता है।

NIRF रैंकिंग की प्रमुख कमियाँ:

  • सहकर्मी धारणा पैरामीटर: सहकर्मी धारणा पैरामीटर, जो रैंकिंग के भार का 10% है, अत्यधिक व्यक्तिपरक माना जाता है।
    • इस पैरामीटर में विशेषज्ञों और कंपनियों से किसी संस्थान के बारे में उनके विचार पूछना शामिल है।
      • जैसे स्थापित संस्थानों को अक्सर उनके मौजूदा ब्रांड मूल्य के कारण उच्च रेटिंग प्राप्त होती है, भले ही कोई दूरस्थ राज्य विश्वविद्यालय बेहतर प्रदर्शन कर रहा हो।
  • डेटा अखंडता का अभाव: एक प्रमुख मुद्दा यह है, कि संस्थानों द्वारा NIRF को प्रस्तुत किया गया डेटा स्व-घोषित होता है तथा सत्यापन प्रक्रिया मजबूत नहीं होती है।
    • संस्थाएँ अक्सर अपनी बेहतर छवि प्रस्तुत करने के लिए आँकड़ों में हेरफेर करती हैं।
      • यदि गलत आँकड़े उपलब्ध कराने वाले संस्थानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो संपूर्ण रैंकिंग प्रणाली की विश्वसनीयता कम हो जाएगी।
  • समावेशिता का सीमित दायरा: यद्यपि “आउटरीच एवं समावेशिता” 10% भार वाला एक पैरामीटर है, लेकिन इसे पर्याप्त रूप से प्राथमिकता नहीं दी गई है: केवल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली – 70 से अधिक ओआई स्कोर वाले शीर्ष 10 संस्थानों में शामिल हैं
    • अंतर्राष्ट्रीय संबंध पर NIRF पुस्तिका केवल क्षेत्रीय और लैंगिक विविधता से संबंधित परिणामों पर केंद्रित है।
      • इसमें स्पष्ट रूप से उन विद्यार्थियों के आँकड़ों को छोड़ दिया गया है, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित या दिव्यांग हैं, जबकि इन कारकों में से प्रत्येक का OI घटक में 20% भारांक है।
  • संकाय स्तर पर मुद्दे:
    • संकाय आरक्षण के कार्यान्वयन का अभाव: केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के लिए संकाय पदों में आरक्षण का प्रावधान है, लेकिन ये पद अक्सर खाली रहते हैं
    • रैंकिंग एक अनुष्ठान के रूप में: रैंकिंग का वार्षिक प्रकाशन महज एक अनुष्ठान बन गया है
      • खराब प्रदर्शन करने वाले संस्थानों को सहायता प्रदान करने या इन कॉलेजों द्वारा अपनी रैंकिंग सुधारने के लिए उठाए गए कदमों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता है।
    • अनुसंधान में संकट: शीर्ष 100 कॉलेजों के अलावा, पीएचडी-योग्य संकाय की भारी कमी है
      • चिंताजनक बात यह है, कि 58% प्रबंधन संस्थानों ने कथित तौर पर “शून्य शोध-पत्र” प्रकाशित किए, जो ज्ञान सृजन की बजाय केवल शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत देता है।

आगे की राह:

  • डेटा अखंडता को सुदृढ़ करना: झूठे डेटा प्रस्तुत करने पर रोक लगाने के लिए सख्त उपाय लागू किए जाने चाहिए, जिसमें कठोर सत्यापन प्रक्रियाएँ और गलत जानकारी प्रदान करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई शामिल है।
  • मापदंडों को परिष्कृत करें: व्यक्तिपरक मापदंडों, विशेष रूप से “सहकर्मी धारणा” को संबोधित करने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें ठीक करने की आवश्यकता है।
  • समावेशिता और संकाय आरक्षण को बढ़ाना: “आउटरीच और समावेशिता” के महत्त्व को बढ़ाया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए, कि संकाय आरक्षण नीतियों को सभी संस्थानों में प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
  • नीतिगत उपकरण के रूप में उपयोग: सरकार को NIRF का उपयोग खराब प्रदर्शन करने वाले संस्थानों को समर्थन देने के लिए नीतिगत उपकरण के रूप में करना चाहिए, न कि केवल उन्हें रैंकिंग देने के लिए।
  • मेंटरशिप मॉडल लागू करना: एक मेंटरशिप मॉडल स्थापित किया जाना चाहिए, जहाँ आईआईटी जैसे उच्च रैंकिंग वाले संस्थान नए और उभरते संस्थानों का मार्गदर्शन और समर्थन करें।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

भारत में राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) की कार्यप्रणाली, समावेशिता और प्रभावशीलता के संदर्भ में इसका परीक्षण कीजिए। NIRF को और अधिक सुदृढ़ एवं विश्वसनीय रैंकिंग प्लेटफ़ॉर्म बनाने के लिए इसमें किस प्रकार के सुधार किए जा सकते हैं?

(15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.