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Lokesh Pal June 06, 2024 05:15 122 0
हाल ही में इंदौर में भाजपा के शंकर लालवानी ने 10.09 लाख वोटों के बड़े अंतर के साथ जीत हासिल की है। उन्हें 12,26,751 वोट मिले हैं। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी नोटा रहे, जिन्हें 2,18,674 वोट मिले।
निष्कर्ष: अर्थात इंदौर में पड़े नोटा मतों की संख्या को देखते हुए इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत के मतदाताओं के मध्य असंतोष व्याप्त है, जो वास्तविक प्रतिनिधित्व और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए चुनावी सुधारों की आवश्यकता पर बल देता है।
जीएस-02: जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ।
प्रश्न : “इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर ‘नोटा’ विकल्प की मतदाता भागीदारी और राजनीतिक जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक कदम के रूप में सराहना की गई है। हालाँकि, चुनावी प्रक्रिया पर इसके सीमित प्रभाव के लिए इसकी आलोचना भी की गई है।” इस कथन के आलोक में, भारतीय चुनावी प्रणाली में ‘नोटा’ विकल्प के गुण और दोषों पर चर्चा करें। (15 अंक, 250 शब्द)
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