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Lokesh Pal
October 04, 2025 05:15
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हाल के वर्षों में भारत में विद्यार्थियों की आत्महत्याओं में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है, जो प्रणालीगत और संस्थागत विफलताओं को दर्शाती है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
खोया हुआ प्रत्येक विद्यार्थी एक टूटे हुए परिवार, एक अधूरी कहानी और एक टूटे हुए सपने का प्रतिनिधित्व करता है। इस संकट से निपटने के लिए सरकार, शैक्षणिक संस्थानों, समाज, परिवार तथा साथियों का सामूहिक प्रयास आवश्यक है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:प्रश्न: विद्यार्थियों की आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या के संदर्भ में, मानसिक स्वास्थ्य सेवा अधिनियम (2017) और राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम नीति (2021) जैसे मौजूदा कानूनी और नीतिगत ढाँचों की प्रभावशीलता का विश्लेषण कीजिए। कौन-से सुधार या अतिरिक्त उपाय आवश्यक हैं? (15 अंक, 250 शब्द) |
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