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Lokesh Pal
February 12, 2025 05:00
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हाल ही में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यौन हिंसा के एक अपराधी को शादी की शर्त के आधार पर जमानत दी।
जमानत क्या है?जमानत न्यायालय द्वारा अभियुक्त को दी गई एक अस्थायी रिहाई है, यह मानते हुए कि ऐसे अभियुक्त किसी को कोई नुकसान नहीं पहुँचाते हैं। हालांकि ऐसी परिस्थिति में न्यायालय उन पर कुछ शर्तें लगा सकता है, जैसे पासपोर्ट जमा करना, पीड़ित से दूरी बनाए रखना या जांच में सहयोग करना। |
बलात्कार पीड़ितों और उनके बच्चों के कल्याण को सुनिश्चित करने में राज्य निम्न प्रकार से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विवाह को जमानत की शर्त के रूप में, लागू करने की प्रथा का तत्काल पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। न्याय को सामाजिक मानदंडों द्वारा आकार नहीं दिया जाना चाहिए जो उत्तरजीवी की गरिमा, स्वायत्तता और कल्याण को कमजोर करते हैं। कानूनी उपायों को उत्तरजीवी के अधिकारों को प्राथमिकता देनी चाहिए और जबरदस्ती या असमान संबंधों के माध्यम से आघात को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नप्रश्न: हाल ही में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अतुल गौतम बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2025) मामले में, एक ऐसे व्यक्ति को जमानत दे दी, जिस पर विवाह के वादे की शर्त पर अपने लिव-इन पार्टनर से बलात्कार करने का आरोप था। इस निर्णय के संदर्भ में विद्यमान निहितार्थों का विश्लेषण करें और जाँच करें कि इस तरह के न्यायिक फैसले लैंगिक रूढ़िवादिता को कैसे मजबूत करते हैं और महिलाओं की स्वायत्तता को कैसे प्रभावित करते हैं। (15 अंक, 250 शब्द) |
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