प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: ई-मार्केटप्लेस, सकल घरेलू उत्पाद।
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: वैज्ञानिक अनुसंधान पर सरकारी व्यय।
संदर्भ :
वैज्ञानिक नई सरकार से पांच मूलभूत मुद्दों का समाधान किए जाने की अपेक्षा रखते हैं और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा तत्काल ध्यान दिए जाने की आवश्यकता पर बल देते हैं।
व्यय में वृद्धि:
अनुसंधान एवं विकास व्यय की वर्तमान स्थिति: सरकारी और निजी( वर्तमान व्यय में 40% से कम का योगदान) क्षेत्रों, दोनों को मिलाकर अनुसंधान और विकास पर देश का सकल घरेलू व्यय,वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद का 0.7% से कम है।
सरकारी खर्च में वृद्धि की तत्काल आवश्यकता: अगले पाँच वर्षों में अनुसंधान और विकास पर सरकारी खर्च में साल-दर-साल कम-से-कम 50% की वृद्धि की जानी चाहिए।
नई सरकार के कार्यकाल के अंत तक यह सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 4% हो जाएगा।
निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना: निजी क्षेत्र को अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) जैसी पहलों में योगदान करने हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए।
व्यय में वृद्धि का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना: बढ़े हुए वित्त पोषण का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से परियोजनाओं का चयन कर समय पर धन आवंटित करने और कुशल वैज्ञानिक कार्यबल में वृद्धि करने में उपयोग किया जाना चाहिए।
भौतिक और बौद्धिक बुनियादी ढाँचे में सुधार: सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में भौतिक और बौद्धिक बुनियादी ढाँचे में सुधार किए जाने की आवश्यकता है:
विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों में।
स्नातक कॉलेजों के विज्ञान प्रयोगशालाओं में ।
राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों तथा विशेष अनुसंधान संस्थानों की अत्यधिक आवश्यकता है।
बुनियादी ढाँचे को अपग्रेड करने के लिए स्वीकृत पदों को भरने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षकों और शोधकर्ताओं को नियुक्त करने और अगले पांच वर्षों में उस संख्या को प्रभावी ढंग से दोगुना करने की आवश्यकता है।
नियुक्ति हेतु प्रतिस्पर्धी और निष्पक्ष प्रणाली : कार्यबल में वृद्धि का लाभ तभी प्राप्त होगा जब नियुक्ति हेतु एक प्रतिस्पर्धी और निष्पक्ष प्रणाली हो।
योग्यता पर विशेष ध्यान केंद्रित करना:
निष्पक्षता और दक्षता सुनिश्चित करना:शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों हेतु किसी भी बाहरी प्रभाव से मुक्त,वैश्विक मानकों और योग्यता पर आधारित पारदर्शी, तीव्र और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया होनी चाहिए।
निष्पक्ष निर्णय : एक सक्षम समिति को बिना किसी बाहरी प्रभाव के उचित कार्य हेतु उचित व्यक्ति के चयन में सक्षम होना चाहिए।
नियुक्ति की तीव्र प्रक्रिया: चयन प्रक्रिया आवेदन के छह माह के भीतर पूर्ण हो जानी चाहिए।
अनुसंधान निधि की दक्षता में वृद्धि: लालफीताशाही में कमी सहित वैज्ञानिकों के लिए उनके शोध कार्य पर खर्च किए जाने हेतु स्वायत्तता प्रदान करते हुए अनुसंधान निधि की दक्षता में वृद्धि की जानी चाहिए।
स्वतंत्रता सुनिश्चित करना:
वैज्ञानिक प्रयासों में स्वतंत्रता और सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करना: साक्ष्य के आधार पर अपने विषयों पर हस्तक्षेप-मुक्त तरीके से बोलने और लिखने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
वैज्ञानिक स्वायत्तता के मूल सिद्धांत: नवाचार की सच्ची भावना तब आएगी, जब आने वाली सरकार वैज्ञानिकों को पूर्ण स्वायत्तता प्रदान करेगी जैसे:
कंपनी के निर्माण हेतु छुट्टी प्रदान करना।
अत्यधिक कागजी कार्रवाई और प्रशासनिक प्रक्रियाओं के बिना अपनी प्रयोगशालाओं में उचित वैज्ञानिक कर्मचारियों को कार्य पर रखने हेतु लचीलापन प्रदान करना।
धन के व्यय की स्वतंत्रता।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने हेतु यात्रा की स्वतंत्रता।
वैज्ञानिक गतिविधियों में जवाबदेही सुनिश्चित करना:वैज्ञानिकों को निम्नलिखित हेतु जवाबदेह होना चाहिए –
काम की गुणवत्ता।
अपने शोध के परिणामों और ज्ञान जो भविष्य की पीढ़ियों को प्रदान कर रहे हैं।
निष्कर्ष:
2050 तक भारत को दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने हेतु नई सरकार को वैज्ञानिकों को अनावश्यक कागजी कार्रवाई और लालफीताशाही से मुक्त होकर अनुसंधान कार्य करने की स्वतंत्रता दिए जाने की आवश्यकता है।
प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न :
प्रश्न. ‘सरकार ई-मार्केटप्लेस’ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
सरकार ई-मार्केटप्लेस का लक्ष्य सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और गति को बढ़ाना है।
अब विक्रेताओं के लिए सरकार ई-मार्केटप्लेस पर सभी नए उत्पादों को पंजीकृत करते हुए मूल देश में प्रवेश करना अनिवार्य है।
सरकार ई-मार्केटप्लेस ‘कृषि मंत्रालय’ का एक अत्याधुनिक राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद मंच है।
उपर्युक्त दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
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