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सुरक्षा उल्लंघन का मामला (security breach case)

Samsul Ansari December 23, 2023 05:26 109 0

नोट: प्रस्तुत लेख The Hindu में प्रकाशित “ A security breach that must lead to sweeping changes” पर आधरित है |

संदर्भ

हाल ही में लोकसभा के अंदर कुछ घुसपैठियों के प्रवेश का मामला सामने आया, यह देश की सुरक्षा वयवस्था से संबंधित प्रमुख चुनौतियों को उजागर करती है। 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता : भारतीय संसद और उसकी संरचना | 

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत में संसद के लिए सुरक्षा चुनौतियाँ और आगे की राह।

 सुरक्षा उपायों का वर्तमान परिदृश्य

  • प्रौद्योगिकी और उपकरण: नवीनतम तकनीक के साथ स्पाइक बैरियर, बोलार्ड, ड्रॉप गेट, स्कैनर, रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) उपकरण और विस्फोटक रोधी जाँच प्रणाली।
  • मानव-शक्ति: केंद्रीय पुलिस बल, संसद ड्यूटी समूह और दिल्ली पुलिस।
  • डिटेक्टिंग प्रक्रिया: मेटल डिटेक्टरों द्वारा जाँच और व्यक्तिगत तलाशी (छिपी हुई वस्तुओं की खोज)

उभरती चिंताएँ

  • अपर्याप्त तकनीक: ऐसी कोई तकनीक और उपकरण नहीं है जो प्लास्टिक या रबर की जाँच कर सके, खासकर जब किसी के जूते में छुपी हो (जैसा कि इस मामले में था)।
  • कार्मिकों द्वारा लापरवाही: आगंतुक गैलरी में सुरक्षाकर्मी पर्याप्त सतर्क नहीं थे और मार्शल घुसपैठियों को पकड़ने में विफल रहे।
  • रिक्त रणनीतिक पद: वर्तमान में संसद सुरक्षा प्रमुख यानी संयुक्त सचिव सुरक्षा का पद रिक्त है।
    • संसद सुरक्षा से जुड़े केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के दो प्रमुखों के पद भी रिक्त हैं।
  • जाँच समिति: उल्लंघन की जाँच भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) प्रमुख को सौंपी गई है, जिसका बल संसद की सुरक्षा व्यवस्था में शामिल है।
  • विधायिकाओं पर कार्यकारी अधिकारियों की निर्भरता: संसद के लिए समग्र परिचालन संयुक्त सचिव, सुरक्षा के नियंत्रण में है, लेकिन जब पहुँच नियंत्रण या विस्फोटक विरोधी जाँच पर नवीनतम तकनीक की बात आती है तो यह पूरी तरह से गृह मंत्रालय (MHA) पर निर्भर होता है।

 उठाए जाने वाले कदम:

  • प्रौद्योगिकी और उपकरणों का उन्नयन:
  • बैकस्कैटर स्कैनर्स का उपयोग: यह प्लास्टिक जैसे पदार्थों का पता लगा सकता है और इसका उपयोग विदेशों में हवाई अड्डों में किया जा रहा है।
  • मिलीमीटर वेव स्कैनर का उपयोग: संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप मिलीमीटर वेव स्कैनर का उपयोग कर रहे हैं। 
  • यह एक संपूर्ण शरीर इमेजिंग उपकरण है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के कपड़े के नीचे छुपी वस्तुओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।
  • प्रौद्योगिकी में निगरानी और उन्नयन: सुरक्षा उपायों के संबंध में दैनिक संचालन में संलग्न होने, सुधार के लिए निगरानी करने और नवीनतम प्रौद्योगिकी को शामिल करने की आवश्यकता है।
  • अधिक सुरक्षित पर्यवेक्षण: कैबिनेट सचिवालय में सुरक्षा सचिव, जो विशेष सुरक्षा समूह (SPG) की निगरानी करते हैं, उन्हें संसद सुरक्षा की भी निगरानी करनी चाहिए।
  • संसद की सुरक्षा करने वाले विभिन्न बलों की शृंखला को देखते हुए, बेहतर समन्वय और पूरी जिम्मेदारी एवं जवाबदेही के लिए एक महानिदेशक का पद स्थापित किया जाना चाहिए।
  • एक निगरानी समिति की आवश्यकता: सभी दलों के पाँच सांसदों की एक समिति बनाई जानी चाहिए, जो नियमित रूप से व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए सुरक्षा व्यवस्था के बाहर और भीतर से विशेषज्ञों को शामिल कर सके।
  • सांसदों के मध्य समन्वय: सांसदों को बढ़े हुए सुरक्षा उपायों के साथ पूरा सहयोग देने की आवश्यकता है।
  • आगंतुक पास के लिए सुव्यवस्थित व्यवस्था: हालाँकि सांसद यह जानने का वचन देते हैं कि आगंतुक कौन हैं, तथापि एक दिन या कुछ घंटों में पृष्ठभूमि की जाँच करना असंभव है। 
  • कुछ मामलों में, पास केवल दो घंटे में जारी किए जाते हैं। इस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने पर भी विचार करने की आवश्यकता है।

संसद में आने वाले आगंतुकों के लिए नियम: 

  • नियम 386: इस नियम के अनुसार सदन की बैठक के दौरान बाहरी व्यक्तियों को सदन के उन हिस्सों में बैठने की अनुमति दी जा सकती है जिन हिस्सों को संसद के सदस्यों के उपयोग के लिए आरक्षित नहीं किया गया है| 
    • इन सीटों का विनियमन अध्यक्ष द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार ही किया जा सकता है |
  • नियम 387: इस नियम में इस बात का जिक्र किया गया है कि अध्यक्ष के पास इस बात की शक्ति होगी कि वह सदन के किसी भी हिस्से से किसी भी बाहरी व्यक्ति को हटा सकता है।

निष्कर्ष

13 दिसंबर की घटना में शामिल युवाओं ने कोई नुकसान नहीं पहुँचाया, लेकिन उन्होंने संसद की सुरक्षा में खामियों को उजागर कर दिया, जिसके लिए केवल चूक की जाँच और सुधारात्मक उपाय पर्याप्त नहीं हो सकते हैं। अब आउट-ऑफ-द-बॉक्स सोच का उपयोग करके सुरक्षा सेटअप में व्यापक बदलाव करने का सही समय है तथा सुरक्षा बुनियादी ढाँचे की लगातार निगरानी एवं उन्नयन की आवश्यकता है।

प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न (UPSC 2017): 

Q) भारत की संसद किसके/किनके द्वारा मंत्रिपरिषद के कृत्यों के ऊपर नियंत्रण रखती है ?

     1.  स्थगन प्रस्ताव 

     2.  प्रश्न काल 

     3. अनुपूरक प्रश्न 

     नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए : 

     (a) केवल 1 

     (b) केवल 2 और 3 

     (c) केवल 1 और 3 

     (d) 1, 2 और 3 

उत्तर : (d)

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न : हाल में संसद सुरक्षा के प्रमुख कारणों का उल्लेख करते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या प्रयास किए जाने चाहिए ? विवेचना कीजिए।

 News Source: The Hindu

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