प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: मालदीव की अवस्थिति, मलक्का जलडमरूमध्य
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत-मालदीव संबंध, नेबरहुड फर्स्ट नीति
संदर्भ:
हालिया संसदीय चुनाव में, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी, PNC (People’s National Congress) की जीत ने भारत-मालदीव रिश्तों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।
चुनाव में मुइज्जू की जीत:
PNC की राजनीतिक जीत: सहयोगियों और निर्दलीय सहित, संसद के 93 सदस्यों में से 70 से अधिक के “पूर्ण-बहुमत” के साथ, पीएनसी की जीत न केवल श्री मुइज्जू की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि उनकी अधिक कुशल विधायी प्रक्रिया का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
नेतृत्व कार्यों का समर्थन: उनके पदासीन होते ही, उनके कार्यों को मतदाताओं का समर्थन मिलना, भारत से दूरी बनाए रखते हुए, विभिन्न देशों के साथ उनका राजनयिक जुड़ाव, जिसमें चीन, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात के साथ ही अमेरिकी अधिकारियों के साथ उनकी बैठकें शामिल है, जो उनके कुशल नेतृत्व के फैसले की व्यापक स्वीकृति को दर्शाता है।
मुइज्जू के भारत के साथ सम्बन्ध:
सेना वापसी की मांग: हाल के वर्षों में मालदीव के राजनीतिक मंच पर “इंडिया आउट” केंद्रित एक अभियान देखा गया। अभियान के प्रमुख बिंदुओं में भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी की मांगें थी। मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति ने भारतीय सैनिकों की वापसी के लिये 15 मार्च, 2024 की समय-सीमा निर्धारित की थी।
हाइड्रोग्राफी समझौते की समाप्ति: मुइज़ू ने भारत के साथ हाइड्रोग्राफी समझौते को समाप्त कर दिया है, जो अधिक संतुलित विदेश नीति प्राप्त करने और बाहरी शक्तियों पर निर्भरता कम करने के लिए चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने के पक्ष में एक रणनीतिक बदलाव का संकेत है।
भारत को लेकर चिंताएँ: मालदीव के नेताओं और टिप्पणीकारों के बीच भारत में बहुसंख्यकवाद में वृद्धि को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।
तनाव बढ़ना: मालदीव के मंत्रियों द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणियों से तनाव और बढ़ गया ,परिणामस्वरूप, विवाद की प्रतिक्रिया में सोशल मीडिया पर मालदीव के बहिष्कार का चलन बढ़ रहा है।
भारतीय पर्यटकों के आगमन में गिरावट: मालदीव में भारतीय पर्यटकों के आगमन में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनयिक संघर्ष को दर्शाता है।
आगे की राह :
भारत-मालदीव संबंधों के लिए अवसर: हाल ही में मालदीव के चुनाव परिणामों और आगामी जून में आने वाले भारतीय चुनाव परिणामों के मध्येनजर, नई दिल्ली और मालदीव के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुलझाने का अवसर उत्पन्न हुआ है।
“मालदीव समर्थक” नीति: भारत या चीन के साथ गठबंधन के स्थान पर “मालदीव समर्थक” नीति को प्राथमिकता देने के राष्ट्रपति मुइज्जू के दावे पर अवलोकन की आवश्यकता है, साथ ही उन्हें यह प्रदर्शित करने का समय दिया गया है कि उनके कार्य भारत की सुरक्षा या क्षेत्रीय स्थिरता को चुनौती नहीं देते हैं।
निष्कर्ष
मौजूदा द्विपक्षीय चुनौतियों को पहचानने और उनसे निपटने से भारत और मालदीव अपने संबंधों की जटिलताओं को दूर करने में सक्षम होंगे, जिससे भविष्य के लिए अधिक मजबूत, लचीली और पारस्परिक रूप से लाभप्रद साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न :
Q. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
9 डिग्री चैनल भारतीय मिनिकॉय (लक्षद्वीप समूह का हिस्सा) को मालदीव से अलग करता है।
भारत ने ‘ऑपरेशन कैक्टस’ के माध्यम से वर्ष 1988 में मालदीव में तख्तापलट के प्रयास के दौरान हस्तक्षेप किया था।
भारत और मालदीव के मध्य संयुक्त नौसैनिक अभ्यास “एकुवेरिन” आयोजित किया जाता है।
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