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                         Lokesh Pal
Lokesh Pal
                         October 22, 2025 05:30
October 22, 2025 05:30
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वर्ष 2017 में लागू किया गया वस्तु एवं सेवा कर (GST) – जिसे “एक राष्ट्र, एक कर” कहा गया – भारत का सबसे बड़ा कर सुधार था, लेकिन इसने राजस्व हानि और राजकोषीय स्वायत्तता को लेकर केंद्र तथा राज्यों के बीच तनावों में वृद्धि की।
भारत के राजकोषीय संघवाद को बनाए रखने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) के अंतर्गत केंद्र-राज्य राजस्व शक्तियों को पुनर्संतुलित करना आवश्यक है। अधिक वित्तीय स्वायत्तता और न्यायसंगत कर विभाजन के माध्यम से राज्यों को सशक्त बनाना सहकारी संघवाद को सुदृढ़ करने की कुंजी है।
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