प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: चार धाम का मानचित्र, विभिन्न पर्यटन स्थलों के नाम, स्थिति एवं महत्त्व आदि के बारे में ।
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारतीय पर्यटन स्थलों का महत्त्व एवं अर्थव्यवस्था में उनका योगदान, धार्मिक पर्यटन यात्राओं का संस्कृति हस्तांतरण में योगदान एवं उनके समक्ष उपस्थित प्रमुख चुनौतियाँ ।
संदर्भ:
हाल ही में, 29,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने छोटी चार धाम यात्रा सर्किट (Chota Char Dham Yatra Circuit) केदारनाथ की यात्रा के लिए उपस्थित हुए, तीर्थयात्रियों की इतनी अधिक संख्या में उपस्थिति की वजह से पहाड़ी राज्य केदारनाथ में घंटों तक सड़क जाम की समस्या देखि गई ।
चार धाम यात्रा:
यात्रा के बारे में: चार धाम यात्रा में पुरी, रामेश्वरम, द्वारका और बद्रीनाथ के तीर्थ स्थल शामिल हैं।
छोटी चारधाम यात्रा: इसके अन्तर्गत, उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधाम तीर्थस्थल शामिल हैं, जिनमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री इत्यादि शामिल हैं।
चार धाम यात्रा को विनियमित करना:
प्रस्तावित धार्मिक यात्रा प्राधिकरण: कई तीर्थयात्रियों को अपनी यात्रा शुरू करने से पहले ही वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा। निराश भीड़ को ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड सरकार ने इस बात की घोषणा की कि वह तीर्थयात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक धार्मिक यात्रा प्राधिकरण की स्थापना के लिए विचार-विमर्श कर रही है।
तीर्थयात्रियों की दैनिक सीमा का निर्धारण : 2023 में, पुजारियों और टूर ऑपरेटरों के दबाव में, उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा तीर्थयात्रियों की संख्या पर दैनिक सीमा को निर्धारित करने के अपने फैसले को लागू करने से ठीक एक दिन पूर्व बदलदिया।
नगर क्षमता का आकलन: राज्य ने केदारनाथ को छोड़कर, पर्यटक शहरों की वहन क्षमता का आकलन करने के लिए पिछले वर्ष एक समिति का गठन किया था।
उत्तराखंड की पर्यटन नीति को बढ़ाना: कई अन्य राज्यों की तरह, उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था भी पर्यटन पर निर्भर है, जो ट्रैकिंग से लेकर धार्मिक यात्राओं तक की गतिविधियों की पेशकश करती है।
अपने प्राकृतिक संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए, इसे व्यापक, दीर्घकालिक योजना में संलग्न होना चाहिए। इसमें जलवायु-प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे का निर्माण भी शामिल है।
राज्य की संवेदनशील पारिस्थितिकी और रोजगार आवश्यकताओं पर विचार करते हुए पर्यटन का प्रबंधन करना और उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों की जरूरतों को पूरा करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष:
निष्कर्षतः केरल और राजस्थान जैसे राज्यों ने पर्यटकों की मात्रा के बजाय गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करके कुछ हद तक इस विसंगत अवधारणा में सफलता हासिल की है। उत्तराखंड जैसे संवेदनशील राज्यों को भी इन राज्यों की नीतियों का अनुसरण करना चाहिए। राज्यों की अर्थव्यवस्था के सुदृढीकरण का समग्र प्रभाव राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की नींव को मजबूती प्रदान करेगा।
Latest Comments